इंडिया न्यूज़ (बरेली, Maulana Barelvi says muslim not tolerate Uniform civil code): काफी दिनों से देश में समान नागरिक सहिंता की चर्चा हो रही है, उत्तराखण्ड राज्य के चुनाव में ये मुद्दा बना था। उसके बाद हाल में हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी मुद्दा बनाया गया, और अब संसद में भी इस पर प्रस्ताव पेश किया गया है।

दरगाह आला हजरत से जुडे़ संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगर समान नागरिक सहिंता का कानून लागू किया जाता है तो देश में रहने वाले विभिन्न सम्प्रदाय के लोगों का समाजिक और सर्वाधिक ताना बाना बिखर जाएगा।

बड़े आंदोलन की धमकी

मौलाना बरेलवी ने हुकूमत से मुतालबा करते हुए कहा की संविधान ने बेशक राज्यों को समान नागरिक सहिंता लागू करने की इजाज़त दी है, मगर वहीं संविधान ने किसी समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाने की बात भी कही है, और ये भी राज्यों को निर्देश दिया हैं कि वो आवाम की राय हासिल करेंगे। अब ऐसी स्थिति में हुकूमत आवाम पर जबरिया तौर पर इस कानून को आवाम पर नहीं थोपा सकती।

मौलाना ने आगे कहा कि ‘हुकूमत को चाहिए की वो पहले आवाम के सामने समान नागरिक सहिंता का खाका पेश करे की इसकी जरूरत क्यों महसूस हो रही है। जबकि हिन्दू मैरिज एक्ट, मुस्लिम मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट पहले से ही मौजूद हैं।’

‘अगर आवाम पर जबरदस्ती ये कानून थोपा गया तो मुसलमान भारत में रह रहे दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को यानि आदिवासी, दलितों, जैनियों, और सिक्खों को साथ लेकर एक बड़ा आन्दोलन चलाने पर मजबूर होगा। इसलिए मुसलमानों के साथ ही दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को इस कानून से गंभीर समस्याएं पैदा होने का खतरा है। करेगा।’ मौलाना बरेलवी ने कहा