India News( इंडिया न्यूज़),Milkipur By-Election 2025: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी 2025 को होने वाले उपचुनाव में सियासी हलचल तेज हो गई है। अयोध्या जिले की यह सीट सपा और बीजेपी के बीच प्रमुख मुकाबला बन चुकी है।
चंद्रभान पासवान बने बीजेपी के प्रत्याशी
मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस चुनाव में बीजेपी ने कई दिग्गजों को दरकिनार कर चंद्रभान पर भरोसा जताया है। वे पेशे से वकील हैं और साड़ी का व्यापार करते हैं। इसके अलावा, वे रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। उनके चुनावी अभियान में सक्रियता और स्थानीय पहचान ने पार्टी को उन पर विश्वास करने के लिए प्रेरित किया है।
चंद्रभान पासवान का जातीय समीकरण
चंद्रभान पासवान और सपा के प्रत्याशी अजीत प्रसाद दोनों ही अनुसूचित जाति से आते हैं। बीजेपी ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पासवान को उम्मीदवार बनाया है, जिससे सपा के वोट बैंक में सेंधमारी की उम्मीद है। मिल्कीपुर सीट पर पासी और यादव जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। सपा ने इस बार पीडीए (पार्टी, दल और गठबंधन) फार्मूले पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिसका असर वोटों पर पड़ सकता है।
मिल्कीपुर में जातीय समीकरण
मिल्कीपुर सीट पर कुल 3.58 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 1 लाख से अधिक दलित वोटर हैं। इनमें से 55 हजार वोट पासी समाज के हैं, जबकि 60 हजार यादव वोटर हैं। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के 30 हजार वोट भी अहम हैं। इस सीट पर वोट बैंक को साधने की सपा और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की कोशिश है।
बीजेपी की रणनीति
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से पार्टी ने इस सीट पर अपनी सक्रियता बढ़ाई और चंद्रभान पासवान को उम्मीदवार बनाया। बीजेपी को उम्मीद है कि पासवान के उम्मीदवार बनने से पार्टी को अपने कोर वोट बैंक का समर्थन मिलेगा और सपा को चुनौती मिलेगी।
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बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
बीजेपी के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव एक प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। राम मंदिर के बाद, मिल्कीपुर सीट पर सपा की जीत से बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। इस बार बीजेपी ने नया चेहरा उतारकर अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश की है।
नए चेहरों पर पार्टी का भरोसा
पहले इस सीट से बीजेपी ने पूर्व विधायक गोरख बाबा को उम्मीदवार बनाने का विचार किया था, लेकिन जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चंद्रभान पासवान पर दांव खेला गया है। मिल्कीपुर उपचुनाव के इस दिलचस्प मुकाबले में दोनों ही दल अपने-अपने पक्ष में वोट बैंक जुटाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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