India News (इंडिया न्यूज), Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ानों का संचालन जल्द शुरू होने वाला है। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में क्षेत्रीय संपर्क को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) और उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) ने एक खास समझौता किया है। इस समझौते के तहत अप्रैल से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो जाएगी। इसके बाद पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य प्रमुख शहरों के बीच सीधी बस सेवा शुरू कर दी जाएगी।
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1.2 करोड़ लोग करेंगे यात्रा
इससे न सिर्फ राज्य के लोगों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली पहुंचना आसान हो जाएगा, बल्कि उन्हें नोएडा से सीधी अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा भी मिल सकेगी। इस संबंध में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि पहले चरण में एक रनवे और टर्मिनल के साथ एयरपोर्ट की क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी, चौथे चरण तक यात्रियों की यह संख्या सालाना 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
नोएडा एयरपोर्ट दिल्ली और पश्चिमी यूपी को भारत और अन्य वैश्विक शहरों से जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। UTC के साथ समझौते के बाद उत्तराखंड के यात्रियों की यात्रा भी आसान हो जाएगी। दिल्ली, देहरादून एक्सप्रेसवे का संचालन शुरू होने से समय की भी बचत होगी। समझौते के उद्देश्य के बारे में उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस MOU के तहत नोएडा से देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और हल्द्वानी जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा आसान हो जाएगी, जिससे यात्रियों का आवागमन आसान हो जाएगा। इससे विकास के नए द्वार खुलेंगे।
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NIA के पास भूमि आवंटित
आपको बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास घर का सपना देखने वाले हजारों लोगों के लिए खुशखबरी सामने आई है। इसकी वजह यह है कि यमुना प्राधिकरण ने नीलामी के आधार पर 5 ग्रुप हाउसिंग प्लॉट आवंटित किए हैं। हालांकि, इनमें से एक प्लॉट के लिए कोई खरीदार सामने नहीं आया है। प्राधिकरण को इन प्लॉट से आरक्षित मूल्य से 72.73 करोड़ रुपये अधिक मिले हैं। इससे पहले यमुना प्राधिकरण ने पिछले साल नवंबर में 20 ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना लॉन्च की थी, जिसमें शर्तों में बदलाव किया गया था और न्यूनतम तीन टेंडर की शर्त लागू की गई थी।