India News (इंडिया न्यूज़),Pallavi Patel: उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने यूपी सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने महाकुंभ के कुप्रबंधन से लेकर उर्दू और अंग्रेजी के बीच भाषा विवाद जैसे मुद्दों पर सदन में सरकार को जमकर घेरा। पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि सरकार हमेशा सांप्रदायिक मुद्दों को बढ़ावा देकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।

महाकुंभ से सरकार को तीन लाख करोड़ का राजस्व मिला-पल्लवी पटेल

बजट सत्र में विपक्ष की ओर से बोलते हुए पल्लवी पटेल ने महाकुंभ से अपनी बात शुरू की और कहा कि सरकार और सरकार चलाने वालों के लिए यह महाकुंभ उनके मुट्ठी भर साथियों के लिए आर्थिक वरदान साबित हुआ है। जिसने चाहा, महाकुंभ में आए हर श्रद्धालु को लूटता रहा। आज दिल्ली से अमेरिका जाना सस्ता है, लेकिन दिल्ली से प्रयागराज आने के दाम आसमान छू रहे हैं। पल्लवी पटेल ने कहा कि महाकुंभ से सरकार को तीन लाख करोड़ का राजस्व मिला।

आम आदमी की भावनाओं के साथ छेड़छाड़- पल्लवी पटेल

सिराथू विधायक ने महाकुंभ की अव्यवस्था को लेकर सीएम योगी को घेरा और कहा कि सरकार को यह स्वीकार करना होगा कि वह श्रद्धालुओं को सुविधाएं नहीं दे पाई। वहां आए श्रद्धालुओं की संख्या को अपनी उपलब्धि न कहें बल्कि वहां आए श्रद्धालुओं की संख्या समाज की धार्मिक चेतना है, इसका श्रेय लेने के बजाय जो अव्यवस्था हुई उसे स्वीकार करें। महाकुंभ में आम आदमी की भावनाओं के साथ छेड़छाड़ निंदनीय नहीं बल्कि पाप है, यह ऐसा पाप है जिसे मां गंगा माफ करेंगी।

विपक्ष धार्मिक आयोजनों पर राजनीति करता है-पल्लवी

उन्होंने कहा कि आप कहते हैं कि विपक्ष धार्मिक आयोजनों पर राजनीति करता है तो आप बताएं कि जब आपने 22 जनवरी 2025 को प्रयागराज में पूरी कैबिनेट की बैठक की थी तो क्या आप वहां भी भजन गा रहे थे, क्या आप वहां भी राजनीति कर रहे थे। आपने वहां भी पिछड़ों को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने यूपी विधानसभा में भाषा विवाद को लेकर सीएम योगी पर हमला बोला।

क्या उर्दू कोई एक्सपोर्टेड भाषा है या मुगल- पल्लवी

भाषा विवाद पर भी सवाल उठाने वाली पल्लवी पटेल ने कहा कि इस बार जो पीछे रह गया है वह है शब्दों की मर्यादा और हमारा शिष्टाचार। इसलिए जब विपक्ष ने सदन की कार्यवाही में उर्दू को शामिल करने की बात की तो इस सदन में असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। मैं सदन के नेता से पूछता हूं कि क्या उर्दू कोई एक्सपोर्टेड भाषा है या मुगल जब घोड़ों पर सवार होकर भारत आए तो अपने साथ उर्दू लेकर आए थे। कुंभ न तो सरकार द्वारा आयोजित किया जाने वाला आयोजन है और न ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा। बल्कि यह कुंभ भारत की सांस्कृतिक विरासत है। यह भारतीय समाज की विभिन्न आध्यात्मिक विचारधाराओं का आयोजन है। उत्तर प्रदेश हमेशा से इस आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं की मेजबानी करता रहा है।