India News (इंडिया न्यूज), PCS Kiran Chaudhary: उत्तर प्रदेश के मथुरा की जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) किरन चौधरी को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने मंगलवार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया। किरन चौधरी पर इससे पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, लेकिन हर बार उनकी ऊंची पहुंच के कारण मामले को दबा दिया गया। वर्ष 2022 में ग्राम पंचायतों में लाइट लगाने के मामले में भी उनके खिलाफ जांच हुई थी।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
मंगलवार सुबह विजिलेंस टीम ने अचानक DPRO कार्यालय पर छापा मारा। टीम के वहां पहुंचते ही कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी तुरंत कार्यालय छोड़कर चले गए। विजिलेंस टीम ने DPRO किरन चौधरी और उनके चालक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। टीम ने DPRO के थाना हाईवे स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के आवास पर भी करीब 40 मिनट तक पूछताछ की। इसके अलावा उनके कार्यालय और कक्ष की भी तलाशी ली गई।
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कर्मचारियों में मचा हड़कंप
DPRO की गिरफ्तारी की खबर तेजी से फैली। कार्यालय में मौजूद कर्मचारी एक-दूसरे से इस घटना की चर्चा करने लगे, लेकिन कोई भी अधिकारी खुलकर कुछ भी कहने से बचता रहा। विजिलेंस की इस कार्रवाई के दौरान शिकायतकर्ता झुडावई के ग्राम प्रधान प्रताप सिंह राना भी मौजूद थे।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इस मामले में मथुरा के जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। DPRO शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि विजिलेंस टीम ने इस अभियान को पूरी तरह गुप्त रखा। न तो टीम ने पुलिस को कोई सूचना दी और न ही DPRO के ठिकाने की जानकारी साझा की।
पहले भी लग चुके हैं आरोप
सुल्तानपुर की रहने वाली DPRO किरन चौधरी को जुलाई 2021 में मथुरा में तैनाती मिली थी। उनकी कार्यशैली पर कई ग्राम प्रधान पहले भी सवाल उठा चुके हैं। बावजूद इसके हर बार मामला रफा-दफा हो जाता था। इस बार विजिलेंस की सख्त कार्रवाई ने DPRO के भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया।
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