India News (इंडिया न्यूज),Saharanpur News: सहारनपुर में पीसीएस अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने बिना दहेज के शादी कर समाज में एक नई मिसाल कायम की है। दहेज प्रथा के बढ़ते प्रभाव के बीच भानु प्रताप ने सिर्फ एक रुपया और शगुन के तौर पर एक नारियल लेकर शादी रचाई, जो उनके परिवार और समाज के लिए प्रेरणा बन गई है।

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सादगी भरी शादी ने खींचा ध्यान

सहारनपुर की नकुड़ तहसील के एक छोटे से गांव शंभूगढ़ में जन्मे भानु प्रताप सिंह वर्तमान में मुरादाबाद में एसजीएसटी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता दलबीर सिंह, जो पीडब्ल्यूडी विभाग में सेवा दे चुके हैं, ने भानु की सादगी भरी पहल पर गर्व जताया। भानु प्रताप ने उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के बहादराबाद के बेगमपुर गांव के एक साधारण परिवार की लड़की शिवांशी से विवाह किया। शादी में न तो दहेज लिया गया और न ही कोई शान-शौकत दिखाई गई।

दहेज प्रथा के नकार का प्रतीक

जहां आजकल दहेज के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये और महंगे उपहार मांगे जाते हैं, वहीं भानु प्रताप सिंह ने सिर्फ एक रुपया और एक नारियल स्वीकार कर दहेज प्रथा को पूरी तरह नकार दिया। इस फैसले ने समाज में महिला सशक्तिकरण और समानता का संदेश दिया।

समाज के लिए प्रेरणादायक पहल

भानु प्रताप और शिवांशी की शादी को गांव और समाज में सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है। उनके इस कदम ने यह संदेश दिया है कि सफल और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए दहेज की कोई जरूरत नहीं है। भानु के इस फैसले की उनके परिवार, दोस्तों और गांव वालों ने सराहना की है। भानु के पिता दलबीर सिंह और मां निर्मला ने अपने बेटे के फैसले पर गर्व जताया है। भाई सुरेंद्र कुमार और गांव के अन्य लोगों ने इसे समाज सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

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