India News (इंडिया न्यूज), Power System: उत्तर प्रदेश के मेरठ में 9 दिसंबर से बिजली व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कानपुर के बाद अब मेरठ ऐसा शहर बन गया है, जहां काम आधारित बिजली व्यवस्था लागू की जाएगी। इस नए सिस्टम के तहत, शहर की पांच-पांच डिविजन को खत्म कर दिया जाएगा और अब इसे दो हिस्सों में बांटा जाएगा – मेरठ साउथ और मेरठ नॉर्थ। इस बदलाव से लगभग चार लाख उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा।
नहीं काटने होंगे चक्कर
नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं को बिजली से संबंधित समस्याओं के लिए अब बिजली घरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। उन्हें सिर्फ जिम्मेदार अधिकारी को शिकायत करनी होगी, और उनकी समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा। इसके लिए शहर में पांच हेल्प डेस्क भी स्थापित की जाएंगी, जहां उपभोक्ता अपनी समस्याएं दर्ज करवा सकेंगे। इन हेल्प डेस्क्स की स्थापना प्रमुख स्थानों जैसे घंटाघर, सिविल लाइन, नौचंदी, माधवपुरम और गंगानगर में की गई है।
हेल्प लाइन नंबर हुआ जारी
इस नए सिस्टम के तहत, छह अलग-अलग अधिशासी अभियंताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। इनमें से एक 33 केवी लाइन और उपकेंद्रों की देखरेख करेगा, जबकि अन्य 11 केवी और एलटी लाइनों का कार्य संभालेंगे। उपभोक्ता अब सीधे हेल्प डेस्क पर संपर्क कर सकते हैं या 1912 नंबर पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
बेहतर और तेज़ सेवा का उद्देश्य
इस बदलाव का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर और तेज़ सेवा देना है। अब बिजली संबंधित कामों के लिए उपभोक्ताओं को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, जिससे उनका समय और मेहनत दोनों बचेंगे। इस नई व्यवस्था से बिजली वितरण में पारदर्शिता और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
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