India News (इंडिया न्यूज़),Rajkiya Nirman Nigam: समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की देहरादून इकाई के पांच सेवानिवृत्त अधिकारियों पर 130 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में छह अलग-अलग मामलों में मामला दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की देहरादून इकाई के अतिरिक्त परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार मलिक की शिकायत पर मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि विभागीय जांच में 2018 से 2019 के बीच करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है।
इन लोगों पर लगा आरोप
जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक शिव आसरे शर्मा, दिल्ली के पंजाबी बाग के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के सहायक लेखाकार स्तर 2 वीरेंद्र कुमार रवि, उत्तर प्रदेश के हरदोई के लेखाकार राम प्रकाश गुप्ता और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ निवासी इंजीनियर सतीश कुमार उपाध्याय शामिल हैं। सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 409 (लोक सेवक, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी ये जानकारी
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उत्तराखंड कौशल विकास एवं सेवा योजना विभाग ने राज्य के 15 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए 15.17 करोड़ रुपये की एकमुश्त धनराशि जारी की थी, जिसमें से छह संस्थानों का निर्माण भूमि की अनुपलब्धता के कारण नहीं हो सका। हालांकि, इनके लिए जारी की गई धनराशि करीब छह करोड़ रुपये अन्य विभागों के कार्यों पर खर्च कर दी गई, जिसका समायोजन आज तक नहीं हो सका। इसी तरह आपदा राहत केंद्रों के निर्माण के लिए मिली 4.28 करोड़ रुपये की धनराशि भी भूमि की अनुपलब्धता के बावजूद कथित रूप से हड़प ली गई। पुलिस ने बताया कि एक अन्य मामले में उत्तराखंड पर्यटन विभाग के निर्माण कार्य में करीब 1.59 करोड़ रुपये का गबन किया गया। शिकायत के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी ब्लॉक के निर्माण में 9.93 करोड़ रुपये, स्ट्रीट लाइट स्ट्रक्चर की मरम्मत और एबीसी कंडक्टर बिछाने के निर्माण कार्य में 5.62 करोड़ रुपये और एक अन्य मामले में 109.71 करोड़ रुपये का गबन किया गया।