India News (इंडिया न्यूज), Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। बचा हुआ काम अभी भी जारी है, जिसे तय समय में पूरा कर लिया जाएगा। श्री राम मंदिर को भव्य बनाने में कोई भी कसर छोड़ी नहीं जा रही है।

अब इसी कड़ी में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने जानकारी दी है कि अभी तक कुल 45 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने बताया कि इस्तेमाल हुआ सोना शुद्धता में शत प्रतिशत है और यदि टैक्स निकाल दिया जाए इसका मूल्य लगभग 50 करोड़ रुपए है।

अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने आगे बताया कि इनके अलावा सोने का कार्य अभी शेषावतार मंदिर में चल रहा है। भूतल के सभी दरवाजों में भी काम सोने से किया जा है, साथ ही सिंहासन में भी सोना इस्तेमाल हो रहा है।

दिसंबर 2025 तक पूरा होगा काम

जानकारी के लिए बता दें कि राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहीं राम मंदिर परिसर में कुछ ऐसे कार्य हैं जो दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे। जानकारी के मुताबिक संग्रहालय सभागार और गेस्ट हाउस का निर्माण कार्य अभी जारी है।

राजा राम की स्थापना के बाद दर्शन के सवाल पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि इसमें थोड़ा समय लग सकता है। अभी बहुत सारे श्रद्धालु राजा राम के दरबार में नहीं जा सकते हैं। उसके लिए व्यवस्था करनी होगी। राम दरबार के दर्शन के लिए पास जारी किए जाएंगे, हालांकि पास निशुल्क होंगे।

प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 3 जून से चल रहा है, जो 5 जून को गंगा दशहरा के दिन संपन्न हुआ। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि राम मंदिर में कितना सोना इस्तेमाल हुआ है और बार-बार कई तरह की खबरें आती रहीं। अब औपचारिक रूप से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद देश ही नहीं बल्कि विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में वहां पहुंचते हैं। और अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। मंदिर के साथ-साथ पूरे इलाके का विकास इसी स्तर पर किया जा रहा है।

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