India News (इंडिया न्यूज़),Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को अधिवक्ताओं को बधाई दी, जब केंद्र ने कहा कि वह अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे में संशोधन करेगा। सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “प्रिय अधिवक्ताओं। निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत के लिए आपको बधाई। ‘अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक’ लाकर भाजपा एक बार फिर यह दिखाना चाहती है कि वे अपनी मर्जी किसी पर भी थोप सकते हैं।”

अखिलेश यादव को नहीं पसंद आया केंद्र सरकार का फैसला

उन्होंने कहा, “जोड़-तोड़ या किसी अन्य तरीके से बनाए गए या प्राप्त किए गए बहुमत का मतलब यह नहीं है कि आप उस व्यक्ति की उपेक्षा करें और उसे नुकसान पहुंचाएं जिसके लिए आप बदलाव ला रहे हैं। उस प्रक्रिया में बदलाव से प्रभावित पक्ष को शामिल करना लोकतांत्रिक परंपरा है। पुराने राजा भी अपनी मर्जी से शासन करते थे और फैसले लेते थे।”

शक्ति प्रदर्शन नहीं-सपा

अखिलेश यादव ने कहा, “अगर बहुमत ‘एक वोट’ की तरह बनता हुआ दिखाई दे रहा है, तो वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकता। बदलाव तभी सबके लिए फायदेमंद होता है जब वह आम सहमति से किया जाए, ऐसे बदलावों को ‘सुधार’ कहते हैं और संशोधन सुधार के लिए किए जाते हैं, अपनी ताकत दिखाने के लिए नहीं।’ उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमे भाजपा की राजनीतिक साजिश का बड़ा हिस्सा रहे हैं और न्यायिक प्रक्रिया भी इसके राज में राजनीति का शिकार हो गई है।

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार संशोधन नहीं, बल्कि ‘लगाम’ लाती है लेकिन वह भूल जाती है कि संगठन की एकजुट शक्ति के सामने कोई टिक नहीं सकता, एकता बड़े से बड़े दिग्गजों का रथ पलट देती है। उन्होंने कहा, ”हम अधिवक्ताओं की न्यायोचित मांगों के साथ मजबूती से खड़े थे, खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे।” बार निकायों द्वारा इसके विभिन्न प्रावधानों के विरोध के बीच सरकार ने शनिवार को कहा कि वह अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे में संशोधन करेगी।