India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal Masjid Update: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को तीन अधिकारियों की टीम गठित कर संभल स्थित जामा मस्जिद का तत्काल निरीक्षण करने का आदेश दिया है। अदालत ने निर्देश दिया कि एएसआई शुक्रवार सुबह 10 बजे तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। यह फैसला मस्जिद कमेटी की उस याचिका के बाद आया है, जिसमें रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति मांगी गई थी। मामले पर शुक्रवार को भी सुनवाई होगी।

ASI को मिला ये निर्देश

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने सुनवाई के दौरान एएसआई को निर्देश दिया कि वह निरीक्षण के बाद यह स्पष्ट करे कि मस्जिद परिसर के भीतर मरम्मत और पुताई की जरूरत है या नहीं। साथ ही, यह भी आदेश दिया गया कि पूरे निरीक्षण की वीडियोग्राफी कराई जाए।

याचिका पर हुआ विरोध, ASI ने रखी अपनी स्थिति

सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने याचिका का विरोध किया। उनका कहना था कि मस्जिद कमेटी इस प्रक्रिया की आड़ में हिंदू प्रतीकों और चिह्नों को नष्ट कर सकती है। वहीं, एएसआई के वकील मनोज कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि मस्जिद कमेटी ने अब तक एएसआई अधिकारियों को मस्जिद परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है, जिससे वे यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि पुताई और मरम्मत की आवश्यकता है या नहीं। यदि अदालत अनुमति दे तो एएसआई अधिकारी स्थल का निरीक्षण कर सकते हैं।

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ASI के हाथ में मरम्मत का अधिकार

अदालत ने इस मामले में स्पष्ट किया कि संभल की जामा मस्जिद एक संरक्षित स्थल है और एएसआई के नियंत्रण में आती है। न्यायालय ने यह भी कहा कि मस्जिद के मुत्तवलियों और सरकारी सचिव के बीच एक समझौता हुआ था, जो दोनों पक्षों के लिए बाध्यकारी है। अदालत ने कहा कि इस समझौते में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि मरम्मत का अधिकार पूरी तरह से पुरातत्व विभाग के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।

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