India News (इंडिया न्यूज), Sambhal News: उत्तर प्रदेश का संभल जिलों पिछले काफी समय से चर्चा में बना हुआ है। मगर होली 2025 से पहले संभल में एक और विवाद शुरू हो गया है। अब संभल जिला का नाम बदलने की मांग उठने लगी है। इसको लेकर सनातन सेवक संघ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन SDM को सौंपा है। ज्ञापन में संभल का प्राचीन नाम बदलकर शंभल करने और चौराहों पर भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने और चौराहों का नाम सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम पर रखने की मांग की गई है। साथ ही प्रतिमा लगाने की भी मांग की गई है।
जानें, संभल शहर का महत्व
बता दें कि बीते दिनों सीओ अनुज चौधरी के एक बयान पर बवाल मचा हुआ है। इस बयान के बाद से शाही जामा मस्जिद के पास होली खेलने को लेकर संभल शहर का माहौल इन दिनों तनावपूर्ण बना हुआ है, तो वहीं होली वाले दिन जुमे की नमाज को लेकर संभल में संशय पैदा हो गया है। इसी बीच संभल का नाम बदलने की मांग उठने लगी। संभल प्राचीन वैदिक सनातन शहर माना जाता है, जिसे प्राचीन ग्रंथों में सत्यव्रत नगरी और शंभल के नाम से जाना जाता था।
जानें, संभल का पुराना नाम
इस शहर में 68 तीर्थ और 19 कुएं स्थित हैं, जो इसके धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं। संभल एक पौराणिक शहर है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण समेत कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है। पहले इसका नाम सत्यव्रत था, उसके बाद इसका नाम पिंगल पड़ा। बाद में इसका नाम शंभु आलय की जगह संभल हो गया।
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जानें, क्यों संभल का नाम बदलने की उठी मांग
आपको बता दें कि संभल शंभु की नगरी के नाम से प्रसिद्ध था। यहां भगवान कल्कि ने भी अवतार लिया था। भगवान परशुराम को कल्कि का गुरु माना जाता है, इसीलिए संभल के चौराहे पर भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की जा रही है। संभल का नाम बदलकर शंभल करने की भी मांग की जा रही है। संभल पृथ्वी राज चौहान की राजधानी थी। अपने प्राचीन महत्व के कारण शहर में पृथ्वी राज चौहान की प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग हो रही है।