India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal News: रमजान के मद्देनजर संभल की जामा मस्जिद की पुताई के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने इस संबंध में पुलिस-प्रशासन से बात की है, साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई को पत्र भी लिखा है। इस पर डीएम ने कहा कि यह विवादित ढांचा है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए पुताई के संबंध में एएसआई ही निर्णय लेगा।
संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया के मुताबिक- मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी की ओर से दिया गया पत्र मूल रूप से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजा गया है। इस पर एएसआई ही निर्णय लेगा। जब तक एएसआई की अनुमति नहीं आती, तब तक किसी को भी विवादित ढांचे से छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है। क्योंकि, यह एएसआई की संपत्ति है।

संभल डीएम के मुताबिक

संभल डीएम के मुताबिक, “विवादित ढांचा आज एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की संपत्ति है और कोर्ट ने इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। नतीजतन, एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) को मस्जिद की सफाई और रंगाई-पुताई का अनुरोध करने वाला एक आवेदन मिला और हमने इसे एएसआई को भेज दिया है।” इस मुद्दे पर मस्जिद के इमाम ने मीडिया से कहा कि जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई सैकड़ों सालों से होती आ रही है, इससे पहले कभी एएसआई की अनुमति नहीं मांगी गई और न ही एएसआई ने कभी इस पर आपत्ति जताई। वैसे भी हमने रमजान के मद्देनजर रंगाई-पुताई की अनुमति मांगी है।

हिंदू पक्ष का बड़ा दावा

दरअसल, हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल की जामा मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुगल काल में भव्य हरिहर मंदिर को तोड़कर यहां मस्जिद बनाई गई थी। हिंदू पक्ष मुगल काल पर लिखी गई किताबों और ब्रिटिश इंडिया एएसआई की रिपोर्ट को अपने दावे का आधार मानता है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है। इस मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हिंसा भी हुई थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। तोड़फोड़ और आगजनी के चलते इलाके का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था। कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गए थे। फिलहाल हिंसा मामले में कार्रवाई जारी है।