India News (इंडिया न्यूज), Sambhal Violence Latest Updates: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में पिछले साल 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद अब हिंसा से जुड़े मामले की जांच एसआईटी की टीम कर रही है। जांच के चलते संभल से सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता जियाउर्रहमान बर्क से पूछताछ की गई। बर्क से करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की गई। बाहर आकर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है, इसलिए वह इस बारे में बात नहीं करेंगे। जांच प्रक्रिया के तहत सांसद का बयान दर्ज किया गया और पूछताछ की गई।
पूछताछ से पहले सांसद ने क्या कहा?
सांसद जियाउर्रहमान बर्क सुबह करीब 11 बजे संभल कोतवाली पहुंचे। इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने की सलाह दी है, लेकिन इसके बावजूद मैं वहां जा रहा हूं ताकि पुलिस प्रशासन को यह न लगे कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं। संभल की जामा मस्जिद अक्सर सुर्खियों में रहती है। 24 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, तभी हिंसा भड़क गई। हिंसा इतनी बढ़ गई कि चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। इलाके में लोगों में दहशत फैल गई और इसके चलते पुलिस ने शांति बहाल करने के लिए कदम उठाए और कई दिनों तक इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगा दिया गया।
पूछे गए ये सवाल?
सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी बर्क से वॉट्सऐप ग्रुप के बारे में पूछताछ कर रही है। ग्रुप की डीपी में जियाउर रहमान की फोटो लगी है। ग्रुप ने जुमे की नमाज के दौरान शाही जामा मस्जिद में बड़ी भीड़ जुटाने को कहा है। संभल सांसद ने 21 और 22 नवंबर को ग्रुप में कई पोस्ट किए थे।
- 19 नवंबर 2024 और 24 नवंबर 2024 को वह कहां थे?
- 19 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों से उनकी क्या बातचीत हुई?
- जामा मस्जिद के सदर जफर अली से उनकी कितनी देर तक बात हुई?
- सदर जफर अली से उन्होंने क्या कहा?
- सरदार जफर अली ने एसआईटी के सामने दावा किया कि आपने उनसे भीड़ जुटाने को कहा था, इस पर आप क्या कहेंगे?
- क्या आपने फोन पर भीड़ जुटाने को कहा था?
- क्या आपने कोर्ट के आदेश पर हो रहे सर्वे को किसी भी हालत में न होने देने को कहा था?
- जफर अली के अलावा आपने सर्वे के बारे में कितने लोगों से बात की थी?
- 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जानकारी उन्हें कैसे मिली?
मामले की जांच कर रही एसआईटी
दिल्ली में जियाउर रहमान बर्क के आवास पर गई और एमपी बर्क को 35ए का नोटिस थमाया, जिसमें उन्हें 8 अप्रैल तक अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया था। इससे पहले इस मामले में जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार किया जा चुका है। जफर पर अशांति फैलाने की साजिश रचने और संगीन अपराधों में झूठे बयान देने का आरोप लगाया गया है।