India News (इंडिया न्यूज), Sambhal Violence Update: 24 नवंबर को हुए उपद्रव की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने आज से अपनी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, यह आयोग इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश के बाद गठित किया गया है। साथ ही, आयोग का नेतृत्व हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा कर रहे हैं, जबकि पूर्व डीजीपी ए.के. जैन और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं।
राजस्थान में सर्द हवा ने बढ़ाई ठिठुरन! जयपुर से लेकर उदयपुर तक ठंड ने बेहाल करना शुरू कर दिया हाल
हर संभव तरीके से होगी जांच
माहौल को देखते हुए इस बात का कहना सही होगा कि, जांच आयोग को चार प्रमुख बिंदुओं पर जांच करनी है। बता दें, इस घटना के पीछे किसी षड्यंत्र की संभावना को मद्देनजर रखते हुए जांच होगी। इसके अलावा, पुलिस और प्रशासन द्वारा शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद हिंसा के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देना। ऐसे में, आयोग को अपनी रिपोर्ट दो महीने के भीतर पेश करनी है।
आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने भी दी प्रतिक्रिया
संभल हिंसा की जांच के सिलसिले में मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, “जांच समिति पूरी स्वतंत्रता के साथ काम करेगी। हमें केवल उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करनी है। सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है ताकि समिति बिना किसी बाधा के अपना काम कर सके।” बता दें, 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद से शहर की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस घटना का कारण कोर्ट के आदेश के तहत जामा मस्जिद के सर्वे से जुड़ा बताया जा रहा है। प्रशासन ने घटना के बाद पूरी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब न्यायिक आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है, जो हिंसा के वास्तविक कारणों को उजागर करेगी।