India News UP (इंडिया न्यूज),Supreme Court: यूपी सरकार की कड़ी निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए निजी घरों को अनधिकृत रूप से गिराने की निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे कृत्य को “अत्याचारी” बताया। अपने निर्णायक फैसले में कोर्ट ने यूपी सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है, जिसका घर बिना उचित कानूनी प्रक्रिया को गिरा दिया गया।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने खारिज की योगी सरकार की याचिका
कोर्ट ने जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर देते हुए संबंधित अधिकारियों की कार्रवाई की अनुशासनात्मक जांच का निर्देश दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्य राज्य सरकार से सवाल किया है “आप बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना या नोटिस दिए बिना किसी के घर में घुसकर उसे कैसे गिरा सकते हैं?” बता दें कि यूपी सरकार ने स्थगन का अनुरोध किया था, लेकिन सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट को विध्वंस की वैधता का आकलन करने के लिए पहले से प्रस्तुत सामग्री का मूल्यांकन जरूर करना चाहिए।
Patna Fire: पत्रकार नगर थाना हुआ धुआं-धुआं! आग बुझाने पहुंची दमकल की गाडियां
NHRC की रिपोर्ट में हुई पुष्टि
अदालत ने राज्य के कार्यों में गंभीर प्रक्रियात्मक उल्लंघन पाया। यूपी सरकार ने राज्य राजमार्ग की मूल चौड़ाई की पुष्टि करने वाले दस्तावेज़, कथित अतिक्रमणों की किसी भी जांच का विवरण, या सबूत नहीं दिया है कि आवश्यक भूमि विध्वंस से पहले कानूनी रूप से अधिग्रहित की गई थी। इसके अलावा, आवेदक की संपत्ति के आकार के संबंध में कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई, जिसे राजमार्ग की केंद्र रेखा के भीतर बताया गया था। अदालत ने पाया कि विध्वंस कथित अतिक्रमण की सीमा को पार कर गया था, जैसा कि NHRC की रिपोर्ट से पुष्टि हुई है।
Donald Trump की जीत पर गदगद हुए PM Modi, सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ ये मैसेज, दुनिया भर में हलचल