इंडिया न्यूज, आगरा, (Shri Krishna Janmasthan and Mathura Sahi Idgah Case): श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह मस्जिद मामले में ईदगाह की जमीन डायटी के स्वामित्व में होने के सबूत पेश किए गए हैं। बता देें कि मथुरा स्थित शाही ईदगाह श्रीकृष्ण जन्मस्थान से सटी है और इसे हटाने के लिए हाल ही में याचिकाएं दायर की गई है।

मामले में कल सुनवाई हुई और इस मुद्दे पर सबसे पहले याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के सामने दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर दावा किया कि संपत्ति एक देवता के स्वामित्व में थी और (अवैध) समझौते के आधार पर ईदगाह ट्रस्ट को नहीं दिया जाना चाहिए।

एक जुलाई को जवाब दाखिल करेगा दूसरा पक्ष

सिविल जज ने याचिका को स्वीकार कर लिया और दूसरे पक्ष को सुनवाई की अगली तारीख पर एक जुलाई को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ द्वारा कटरा केशव देव खेवत, मौजा मथुरा बाजार शहर में ‘नेक्सट फ्रेंडा’ रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों के माध्यम से दायर किया गया था।

इसे सितंबर 2020 में स्वीकार्यता के आधार पर खारिज कर दिया गया था। हालांकि, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 19 मई को इस फैसले को पलट दिया था। अदालत ने पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया और यह कहते हुए मुकदमा बहाल कर दिया कि यह रखरखाव योग्य था और याचिकाकर्ताओं को इसे दायर करने का अधिकार था।

जानिए क्या है श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट का दावा

राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने दावा किया कि पूरी 13.3 एकड़ की संपत्ति ट्रस्ट के नाम पर है। उन्होंने कहा, ट्रस्ट द्वारा नगर निगम के मूल्यांकन रजिस्टर के अनुसार कर का भुगतान भी किया जा रहा है। मुकेश खंडेलवाल ने कहा, इस संपत्ति पर किसी अन्य संगठन या व्यक्ति का कोई दावा नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल खंडेलवाल ने टीओआई से कहा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट केवल संपत्ति के प्रबंधन के लिए अधिकृत था।

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