India News (इंडिया न्यूज़), shri krishna news:   श्री कृष्ण जन्मभूमि आंदोलन की शुरुआत रामलला की चौखट से होगी। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के आंदोलन को देश के साथ-साथ विदेश में भी ले जाया जाएगा। इसके लिए महाकुंभ की धरती पर महासंवाद की नींव रखी गई है। भगवान राम की नगरी से महासंवाद शुरू कर पूरे देश के हर शहर और गांव तक ले जाने की योजना है। इसके साथ ही आंदोलन को गति देने के लिए दुनिया भर के विधि विशेषज्ञों, संतों और विचारकों की 51 सदस्यीय समिति तैयार की जा रही है।

आंदोलन को गति देने की तैयारी

मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के मंदिर के लिए राम मंदिर आंदोलन से जुड़े बुजुर्गों से भी संपर्क किया जा रहा है। आंदोलन समिति में साधु-संत, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, शिक्षाविद्, सेवानिवृत्त अधिकारी, वास्तुशास्त्री, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सदस्य भी होंगे।
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श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाकुंभ में महासंवाद की नींव रखी गई है। लोगों में चेतना जगाने के लिए शहर से गांव तक महासंवाद होगा। इसकी शुरुआत अयोध्या में भगवान राम के आशीर्वाद से होगी। अयोध्या में महासंवाद के बाद हम काशी, मथुरा और सभी बड़े शहरों के बाद गांवों की ओर बढ़ेंगे। इस जन चेतना आंदोलन को देश ही नहीं विदेशों में भी ले जाना है। इसके लिए 51 सदस्यीय संचालन समिति बनाई जा रही है। इसमें हर क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे।

पांच करोड़ लोगों को  आंदोलन से जोड़ने का लक्ष्य

महासंवाद के जरिए पांच करोड़ लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके अलावा हस्ताक्षर अभियान भी चल रहा है, जिसमें अब तक तीन करोड़ से ज्यादा लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं। सुमेरुपीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि मंदिर हर हाल में बनेगा, चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। इन संतों से चर्चा की गई है
जगद्गुरु रामलाल अयोध्या, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र गिरि, जगद्गुरु राधावल्लभाचार्य महाराज, रुक्मणि पीठाधीश्वर विदर्भ राजेश्वर मौली सरकार, जगद्गुरु बालकदास, महामंडलेश्वर नृसिंहदास, द्वाराचार्य बलराम बाबा, महामंडलेश्वर डॉ. आदित्यानंद महाराज, तमिलनाडु के गोल्डन बाबा, सांवरिया पीठाधीश्वर अभय नाथ, अखिल भारतीय चातुर्य संप्रदाय के अध्यक्ष हनुमान दास, फूलडोल दास महाराज, सुधाकर धर्माधिकारी कबीरपंथी पीठ, डॉ. चारुदत्त पिंगले से संपर्क किया गया है।