(इंडिया न्यूज़: यूपी) सिद्धार्थनगर ज़िले की इटवा तहसील क्षेत्र के बूढ़ी राप्ती नदी पर स्थित अशोगवा मदरहवा बांध टूट गया और बूढ़ी राप्ती नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि 20 से ज्यादा गांव जलमग्न हो चुके हैं। बूढ़ी राप्ती का सैलाब जिस प्रकार बढ़ रहा है, लोगों में दहशत और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है।

बांध आवागमन का केंद्र होने के साथ ही बाढ़ बचाव में था अहम

बता दें कि यह बांध लोगों के आवागमन का केंद्र होने के साथ ही बाढ़ बचाव में भी अहम था। बारिश और जलभराव के बाद बांध में रिसाव होने लगा था। लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। जिले में लगातार बाढ़ की तबाही जारी है। पहाड़ से निकलने वाली नदियां लगातार सैलाब बनकर लोगों पर टूट रही हैं। शोहरतगढ़ डुमरियागंज इटावा और बांसी तहसील में लगातार बाढ़ का कहर जारी है। बांध टूटने से हर तरफ सैलाब ही सैलाब नजर आने लगा।

ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार, प्रशासन मौन

किसी तरीके से लोगों ने बढ़ते हुए पानी से जान बचाने के लिए छतों पर शरण ली, तो कुछ ने उंचे स्थानों पर। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि सिंचाई विभाग को बाद में रिसाव होने की सूचना पहले दे दी गई थी। बावजूद इसके विभाग ने बड़ी चूक की जिसका नतीजा ये हुआ कि बांध टूट गया और लोग सैलाब से जूझ रहे हैं। ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मदद की गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक ना तो राहत और ना ही बचाव कार्य शुरू हो पाया है। भारी क्षति हुई है लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।

घर में घुसे पानी से लोग हुए बेघर

लेकिन एक बात तो साफ है कि प्रशासन के मौन हो जाने से सच्चाई नहीं बदल सकती। लोगों की परेशानी का सबब बना ये टूटा बांध परेशानी को दोगुना करता जा रहा है लेकिन एक रास्ते के लिए रास्ता बनाना मुश्किल होता जा रहा है। बांध के टूटने से लोगों के सपने भी सैलाब बन गए हैं क्योंकि घरों में घुसे पानी ने वहां रह रहे हर एक इंसान को बेघर कर दिया है।