India News(इंडिया न्यूज़) Lauren Powell Kashi Vishwanath: एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स इन दिनों भारत में हैं। लॉरेन का दौरा लगातार सुर्खियों में है। हाल ही में उन्होंने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्हें पवित्र शिवलिंग को छूने की इजाजत नहीं दी गई। यह सवाल लगातार वायरल हो रहा है कि भगवान में दृढ़ आस्था होने के बावजूद लॉरेन को शिवलिंग को छूने से क्यों रोका गया? स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने इसका जवाब दिया है।

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प्रोटोकॉल का पालन किया गया

गिरि महाराज कहते हैं कि वे बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं। वे मुझे अपने पिता की तरह सम्मान देती हैं और मुझे अपना गुरु भी मानती हैं। उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। यह इस बात का उदाहरण है कि भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। हालांकि, मंदिर के कुछ प्रोटोकॉल हैं, जिनका पालन करना हमारी जिम्मेदारी है।

शिवलिंग को न छूने की वजह

गिरि महाराज ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर के शिवलिंग को छूने से कोई नुकसान नहीं है। हालांकि, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मंदिर का आचार्य हूं और यहां के नियमों का पालन करना मेरा कर्तव्य है। बेशक लॉरेन मेरी बेटी है। जब वह दर्शन करने आई थी, तब मंदिर में महर्षि व्यासानंद भी मौजूद थे। पूरे परिवार ने अभिषेक और पूजा की। लॉरेन को प्रसाद और माला भी दी गई। हालांकि, परंपरा के अनुसार कोई भी गैर हिंदू काशी विश्वनाथ के शिवलिंग को नहीं छू सकता। ऐसे में अगर लॉरेन इसे छू लेती तो सदियों पुरानी यह परंपरा टूट जाती।

बाहर से किए दर्शन

निरंजनी अखाड़े के स्वामी गिरी महाराज के अनुसार भारतीय संस्कृति में काशी विश्वनाथ के शिवलिंग को केवल हिंदू ही छू सकते हैं। इसलिए उन्हें बाहर से शिवलिंग के दर्शन कराए गए। अब वह कई दिनों तक महाकुंभ में कल्पवास करेंगी और गंगा नदी में डुबकी भी लगाएंगी।

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