India News (इंडिया न्यूज़)Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से होने वाले महाकुंभ को लेकर नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद के बयान पर विवाद तेज हो गया है। कई हिंदू संगठनों ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है। इस बीच ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रतिक्रिया सामने आई है। चंद्रशेखर के बयान पर उन्होंने कहा कि अगर वो खुद को निष्पापी समझते हैं तो वो हमें भी दर्शन दें। उन पर शोध होना चाहिए।

शंकराचार्य ने महाकुंभ को लेकर चंद्रशेखर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “जो कुंभ में आया वो पापी है और जो नहीं आया वो पुण्य आत्मा है। निश्चित तौर पर हम यहां इसलिए आए हैं कि अगर जाने-अनजाने में कोई पाप हुआ हो तो वो यहां आकर नष्ट हो जाए और उसका अंत हो जाए। अगर वो खुद को निर्दोष मानते हैं तो उन्हें भी हमारे सामने आना चाहिए। उनके बारे में शोध के साथ चर्चा होनी चाहिए।’

मंडी में 15 से 17 जनवरी तक आयोजित होगा नगर खेल कुंभ, जानें कितने देने होंगे एंट्री फीस

राम मंदिर की वर्षगांठ पर कही ये बात

इस दौरान शंकराचार्य ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अभी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। अभी तो आयोजन की वर्षगांठ मनाई जा रही है। जिन लोगों ने आयोजन किया था, वही लोग वर्षगांठ भी मना रहे हैं।

चंद्रशेखर ने क्या कहा?

दरअसल, जब चंद्रशेखर आजाद से महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में वही लोग जाएंगे जिन्होंने पाप किए हैं। उन्हीं लोगों को जाना चाहिए। लेकिन, कोई कब पाप करता है, यह कोई बताता है क्या? इतना ही नहीं, उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज की स्थिति बन गई है और मुख्यमंत्री का तानाशाही रवैया बढ़ता जा रहा है।

महाकुंभ को लेकर आजाद के बयान पर सभी राजनीतिक दलों और हिंदू संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। भाजपा और संतों समेत तमाम हिंदू संगठनों ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है। यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने तो उनकी तुलना कौवे से कर दी।

बीजेपी और कांग्रेस का वार-पलटवार, संविधान को लेकर कांग्रेस की बड़ी रैली की तैयारी