India News (इंडिया न्यूज़),Suspended in Sambhal : उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों से समाजवादी पार्टी (सपा) नेताओं के मिलने के मामले ने पुलिस और जेल प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में जेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद सख्त कार्रवाई की जा रही है। डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट के बाद मुरादाबाद जेल अधीक्षक पीपी सिंह को निलंबित कर दिया गया। उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई। इससे पहले जेलर वीरेंद्र विक्रम यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को भी निलंबित किया गया था।
सपा प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात
पूर्व सपा सांसद एसटी हसन और अन्य विधायकों (समरपाल सिंह और नवाब जान खान सहित) ने 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी। आरोप है कि यह मुलाकात जेल नियमों का उल्लंघन करके की गई थी।
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यह है पूरा मामला
हिंसा शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी, जिसमें 24 नवंबर को 4 लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो दर्जा लोग घायल हुए थे, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इस मामले में हालांकि 2500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, लेकिन ज्यादातर अज्ञात हैं। इस मामले में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल भी आरोपी हैं।
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प्रशासन ने दी ये प्रतिक्रिया
पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी संदिग्ध अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। सपा नेताओं का कहना है कि उनकी मुलाकात कानूनी तौर पर सही थी, क्योंकि भाजपा सरकार इसे राजनीतिक रंग दे रही है। वहीं, भाजपा का आरोप है कि सपा हिंसा भड़काने वालों को संरक्षण दे रही है। यह मामला न केवल प्रशासनिक नियमों का पालन का मसला है, लेकिन राजनीतिक स्तर पर भी यूपी की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
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