India News (इंडिया न्यूज़),Yati narsinghanand saraswati: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद के भड़काऊ बयान को सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोपी पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 16 जनवरी तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने जुबैर को सरकार की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे का जवाब देने के लिए दस दिन का समय भी दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने जुबैर की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है। मामला गाजियाबाद का है। जुबैर के खिलाफ यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी ने मुकदमा दर्ज कराया है।
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मोहम्मद जुबैर पर क्या है आरोप
आरोप है कि मुस्लिम समुदाय को भड़काने के लिए जुबैर ने तीन अक्टूबर को डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद का पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित पुराना भड़काऊ बयान सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था और पुलिस को भी टैग कर दिया था। पूछा था कि यति के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
उदिता त्यागी ने जुबैर पर डासना देवी मंदिर में यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का भी आरोप लगाया है। इससे पहले बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने जुबैर और उदिता त्यागी के बीच ऑनलाइन चैट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह आपराधिक कार्यवाही यति नरसिंहानंद के समर्थकों का पब्लिसिटी स्टंट है। जुबैर पत्रकार हैं, उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।
सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कहा?
वहीं, सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि जुबैर के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट वायरल करने के कई मामले दर्ज हैं। उसके एक्स-पोस्ट का मकसद न सिर्फ यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा भड़काना था, बल्कि अलगाववाद को बढ़ावा देना भी था। उसके पोस्ट से भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचा है। कोर्ट ने जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाबी हलफनामा तलब किया था।