India News (इंडिया न्यूज), UP News: एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे मऊगंज को झकझोर कर रख दिया जहां साइबर अपराधियों की हैवानियत का शिकार एक शिक्षिका ने अपनी जान दे दी। 35 वर्षीय रेशमा पांडे, जो पन्नी हाई स्कूल में अतिथि शिक्षिका थीं, को लगातार 8 दिनों तक डिजिटल धमकियों और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और इस दबाव ने उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया।
कैसे फंसाया गया “डिजिटल जाल” में?
अपराधियों ने एक परिष्कृत साजिश के तहत रेशमा पर चोरी के सामान मंगवाने का झूठा आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस और सेना के जवान बनकर वीडियो भेजा रेशमा को डरा-धमका कर मानसिक रूप से तोड़ दिया। बतां दें की आरोपियों ने रेशमा को 2 वीडियो भेजे।पहला वीडियो 49 सेकंड इसमें पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने दावा किया कि रेशमा के खिलाफ FIR दर्ज है और गिरफ्तारी जल्द होगी।दूसरा वीडियो 29 सेकंड इसमें पुलिस और सेना की वर्दी में लोग जुर्माना, कारावास और आधार कार्ड से जुड़ी FIR की धमकी दे रहे थे।
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अपराधियों ने मांगे थे 50 हजार
अपराधियों ने रेशमा से 50,000 रुपये की मांग की और 22,000 रुपये ऐंठ भी लिए। लगातार मिल रही धमकियों और फर्जी आरोपों के डर ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया। हताशा में, रेशमा ने जहर खा लिया और उन्हें रीवा के संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। रेशमा के देवर विनोद पांडे ने बताया कि जालसाजों ने अंचल तिवारी नामक व्यक्ति का भी जिक्र किया, जिससे धोखाधड़ी के किसी गहरे षड्यंत्र का संकेत मिलता है।
जांच में जुटी पुलिस
मऊगंज SP रसना ठाकुर ने कहा कि अपराधियों ने रेशमा को फर्जी पार्सल स्वीकार न करने पर चोरी के झूठे आरोप लगाने की धमकी दी थी। साइबर सेल ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और अपराधियों की पहचान करने में जुटी है। यह घटना साइबर अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस और डिजिटल दुनिया के खतरों का कड़वा सच उजागर करती है।
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