India News (इंडिया न्यूज),Sinauli: बागपत जिले के गांव सिनौली जाना हो तो रास्ता आम गांव के जैसा ही है। पानी भरी कुछ गलियों से गुजरते गांव के बाहर 1 छोटे बोर्ड से पहचान होती है कि इन खेतों के नीचे एक गौरवशाली इतिहास छिपा हुआ है। ऐसा इतिहास जिसे जानने के लिए लंदन की टीमें गांव में डेरा डाल चुकी हैं और बड़ी डॉक्यूमेंट्री गांव के नाम पर ही बना दी। आपको बता दें कि मान्यता यह है कि भगवान श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र को जाते समय यहां रुके थे।

मिट्टी के बर्तन निकले

यह भी कहा जाता है कि महर्षि वाल्मीकि का आश्रम इसी जिले के बालैनी क्षेत्र में था। जिले की बड़ौत तहसील के गांव सिनौली में साल 2004 में कुछ किसान अपने खेतों की खोदाई कर रहे थे। इस दौर मृदभांड यानी मिट्टी के बर्तन निकले।

विशाल शवाधान केंद्र मिला

बात चर्चा में आई तो कुछ स्थानीय इतिहासकार गांव पहुंचे। प्रारंभिक सर्वे में अंदाजा हो गया है कि यहां कुछ ऐसा है कि जो दुनिया के लिए अचरज भरा हो सकता है। इसके बाद 2005 में भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण की खोदाई में यहां पर डेढ़ सौ से ज्यादा मानव कंकाल, तलवार, सोने के कंगन, मनके आदि के साथ विशाल शवाधान केंद्र मिला।

खोदाई दोबारा 2018 में शुरू हुई

आपको बता दें कि यह अंदाजा लगाया गया कि यह उस दौर का अंतिम संस्करण स्थल रहा होगा, मानव कंकालों के पास मिले सामान को देखकर माना गया कि मुकुट के साथ मनका लगा शव किसी राज परिवार के व्यक्ति का होगा। इसके बाद खोदाई दोबारा 2018 में शुरू हुई।

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