India News (इंडिया न्यूज),Shankaracharya Avimukteshwaranand: ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी द्वारा मुसलमानों को नववर्ष न मनाने के लिए जारी किए गए फतवे को स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी मुसलमान ने अपने मुस्लिम समुदाय के लिए यह कहा है तो यह अच्छी बात है। शंकराचार्य ने सनातनी हिंदुओं से अपील करते हुए कहा कि विक्रम संवत आपका कैलेंडर है जो उससे ज्यादा वैज्ञानिक है, इसलिए उसी के अनुसार त्योहार और नववर्ष मनाएं।
वाराणसी में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एआईएमजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा मुस्लिम लड़के-लड़कियों को नववर्ष न मनाने के लिए जारी किए गए फतवे के बारे में पूछे जाने पर चौकानें वाला उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने, चाहे वह किसी भी संगठन से जुड़ा हो, अपने समुदाय के लिए फतवा या निर्देश जारी किया है तो मेरे ख्याल से यह स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि ऐसा हमें अपनी जड़ों से दूर करने के लिए किया जा रहा है। जब आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को भगाकर हमने आजादी हासिल की तो उनके जाने के बाद हम अंग्रेजी तिथि के अनुसार नया साल मना रहे हैं, इसका कोई मतलब नहीं है।
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शंकराचार्य ने पूछा- इसमें समस्या क्या है?
शंकराचार्य ने इसे ईसाइयों की साजिश बताया और कहा कि हम अपनी तिथि टालते हैं, यह विडंबना है। अगर कोई इस विडंबना के बारे में सोच रहा है और अपने समाज को बता रहा है, मुसलमानों का हिजरी संवत है, हमारा विक्रम संवत है, यह ईसाइयों की साजिश है। यहां दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है। इनका दिन रात के 12:00 बजे शुरू होता है। ये पूरी रात जागते हैं और हैप्पी न्यू ईयर कहते हैं। यहां कोई भी शुभ दिन सुबह भगवान गणेश की पूजा से शुरू होता है।
हिन्दू युवाओं से शंकराचार्य की अपील
शंकराचार्य ने सनातन धर्म को मानने वाले हिंदू युवाओं से अपील करते हुए कहा कि मैं अपने सनातनियों से भी कहना चाहता हूं कि वे जल्द से जल्द इन बातों को समझें और अपने विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार ही नया साल और त्योहार मनाएं। आपका कैलेंडर ही आपकी तिथि है और यह उससे भी ज्यादा वैज्ञानिक है और अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो बेहतर है कि अगर किसी मुसलमान ने अपने मुस्लिम समुदाय के लिए फतवा जारी किया है तो मैं कहता हूं कि यह बहुत अच्छी बात है, उन्हें भी अपनी तिथि के अनुसार ही त्योहार मनाने चाहिए, इसमें क्या समस्या है।