India News (इंडिया न्यूज़), UP Crime: गाजियाबाद की कोर्ट ने एक शख्स को अपनी नाबालिग बेटी और बेटे से यौन शोषण के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों बच्चों ने अपनी चाची और दादा को यौन उत्पीड़न के बारे में बताया जिसके बाद मोदीनगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। आज केस में 3 साल बाद आरोपी को सजा सुनाई गई है।

इन धाराओं के अंतर्गत हुआ मामला दर्ज

16 अगस्त, 2020 को बच्चों के दादा की शिकायत पर मोदी नगर पुलिस ने पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों को संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 328 (जहर देकर नुकसान पहुंचाना), 354 (छेड़छाड़), 376 एबी (बलात्कार), 377 (कुकर्म) और 506 (धमकी देना) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया था।

चाय में देता था दर्द निवारक दवा

पुलिस ने जांच के बाद मामले में 5 अक्टूबर, 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान 10 गवाह पेश किए थे, जिसमें दोनों बच्चे और उनके दादा भी शामिल थे। दोनों बच्चों ने बताया कि पिता उनका यौन शोषण करते थे इतना ही नहीं दर्द सहने के लिए उन्हें चाय में दर्द निवारक दवा मिली चाय पीने को मजबूर करते थे।

मच्छर मारने वाली लिक्विड पिलाता था पिता

पिता की हैवानियत यहीं नहीं रुकी वो बच्चों को माचिस की तीलियों के सिरे पर लगा फॉस्फोरस का मसाला खाने को देता और मच्छरों को भगाने के लिए घर में लगाए जाने वाला लिक्विड भी पिलाता था।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मिले गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी तो नाबालिग बच्चों के यौन शोषण और उत्पीड़न का दोषी पाया। शुक्रवार (16 जुलाई) को कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 71 हजार रुपये का जुर्माना भरने को कहा।

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