इंडिया न्यूज़ : लंबे इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश को नया डीजीपी मिला है। बता दें, नवनियुक्त डीजीपी की नियुक्ति स्थाई नहीं बल्कि कार्यवाहक के तौर पर हुई हैं। बता दें, डॉ राजकुमार विश्वकर्मा को कार्यवाहक DGP बनाने के साथ DG रैंक के 5 अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। वहीं DG प्रशांत कुमार को कानून व्यवस्था और EOW का स्पेशल DG बने हैं। साथ में DG कारागार आनंद कुमार DG को-ऑपरेटिव की जिम्मेदारी दी गई है।
डॉ राजकुमार विश्वकर्मा को बने कार्यवाहक डीजीपी
बता दें, इससे पहले प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान थे। आईपीएस डीएस चौहान भी प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी ही थे। ऐसे में सरकार को और प्रदेश की जनता को लंबे समय से नए डीजीपी का इंतजार था। सरकार ने आईपीएस डॉ राजकुमार विश्वकर्मा को कार्यवाहक DGP बनाने का फैसला लिया है। डीएस चौहान पिछले 11 महीने से DGP का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे। वह 31 मार्च यानी आज रिटायर हो गए। बताया जा रहा है कि विश्वकर्मा की कार्यशैली काफी अलग थी वहीं वो इमानदार अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के कानून की जिम्मेदारी उनको सौंपी गई है।
अखिलेश ने साधा सरकार पर निशाना
मालूम हो, सरकार के इस फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “उप्र पुलिस को मिला फिर से एक नया ‘कार्यवाहक DGP’। जब क़ानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार का रवैया काम-चलाऊ होगा तो कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाया जाएगा। आज अपराधियों की तरफ़ से लड्डू बंटेंगे क्योंकि उप्र शासन-प्रशासन की ढिलाई की वजह से ये समय अपराधियों के लिए अमृत-काल जो है।”