India News(इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 को इस बार भव्य और दिव्य के साथ-साथ नव्य भी है, सबसे बड़ा कारण है क्योंकि पहली बार CM योगी आदित्यनाथ ने मुगलकालीन परंपरा को तोड़ते हुए शाही स्नान समेत कई अन्य कार्यक्रमों को सनातन से जोड़ते हुए नया नाम दिया है। CM योगी आदित्यनाथ के इस कदम की महाकुंभ में हर कोई प्रशंसा कर रहा है। साधु संतों समेत आम श्रद्धालुओं ने भी CM योगी आदित्यनाथ को सनातन संस्कृति का ध्वज वाहक करार दिया।

सनातन संस्कृति को नई पहचान दी है

राम की नगरी अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के महंत स्वामी दिलीप दास त्यागी महाराज ने मकर संक्रांति का अमृत स्नान करने के बाद बताया कि CM योगी आदित्यनाथ ने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का काम किया है। महाकुंभ 2025 ने गुलामी के प्रतीक शब्दों से छुटकारा दिलाकर सनातन संस्कृति को नई पहचान दी है। इस बार अमृत स्नान का दिव्य और भव्य अनुभव ऐतिहासिक साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि “शाही स्नान” और “पेशवाई” जैसे मुगलकालीन शब्दों को हटाकर “अमृत स्नान” और “छावनी प्रवेश” जैसे सनातनी शब्दों को शामिल करना सनातन संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है।

आयोजन को और भी खास बनाता है

महाकुंभ 2025 इस बार सांस्कृतिक और परंपरागत बदलावों का गवाह बना। 144 साल बाद पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग इस आयोजन को और खास बनाता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि यह पहली बार है जब महाकुंभ में उर्दू शब्दों को बदलकर हिंदी और सनातनी शब्दों का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया, “यह प्रस्ताव CM योगी आदित्यनाथ को दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। अब ‘शाही स्नान’ और ‘पेशवाई’ जैसे शब्द इतिहास बन गए हैं और उनकी जगह ‘अमृत स्नान’ और ‘छावनी प्रवेश’ ने ले ली है।”

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