India News( इंडिया न्यूज़ ),UP News: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की है।
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए या नहीं, इस पर आज जिला जज की अदालत फैसला करेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की है। रिपोर्ट की मांग हिंदू के साथ ही मुस्लिम पक्ष ने भी की है। हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया था। वही मुस्लिम पक्ष ने पहले आपत्ति जताई थी, फिर ईमेल आईडी देकर रिपोर्ट मांगी है।
हिन्दू पक्ष के वकिल ने क्या कहा
वाराणसी ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है, ज्ञानवापी का जो सर्वे एएसआई ने किया था, उसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई है। हमने कोर्ट से अपील की थी कि रिपोर्ट न सौंपी जाए। एक सीलबंद लिफाफा मुस्लिम पक्ष ने अपील की कि ये सीलबंद लिफाफे में होना चाहिए और मामले की कार्यवाही गुप्त रूप से की जानी चाहिए क्योंकि ये एक संवेदनशील मामला है। अब कोर्ट आज ये तय करेगा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए या नहीं।
अदालत में आपत्ति दाखिल
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल की है। कमेटी ने अनुरोध किया कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए। और यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट लीक नहीं होगी। वही मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग की गई है।
आवेदन पर भी आदेश दे सकती
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी दिए जाने की मांग वाले वाद में बुधवार को आदेश आ सकता है। वाराणसी जिला जज की अदालत पक्षकार बनाने के विजय शंकर रस्तोगी के आवेदन पर भी आदेश दे सकती है। इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील अब केस में नए पक्षकार को नहीं चाहते हैं। जबकि आवेदक खुद को पुराना पक्षकार बताकर केस में वादी बनना चाहते हैं।
कमेटी की तरफ से आपत्ति जताई
ज्ञानवापी परिसर के सील क्षेत्र में मृत मछलियों व उनको सुरक्षित रखने के मामले में जिला जज की अदालत बुधवार को सुनवाई कर सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष अधिवक्ता राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि एडवोकेट आयुक्त के सर्वे के दौरान मछलियों को सुरक्षित रखने की बाबत आवेदन दिया था। जिस पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से आपत्ति जताई गई थी।
वह आवेदन 80 ग के रूप में जिला जज की अदालत में अभी लंबित है। इस बीच मसाजिद कमेटी ने मछलियों के मरने और उन्हें सुरक्षित रखने को लेकर डीएम को आवेदन दिया गया है। कमेटी के अधिवक्ता मुमताज़ अहमद ने जानकारी दि कि अभी इस आवेदन पर कोई आदेश नहीं आया है।
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