India News(इंडिया न्यूज़),UP News: उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों को धोखा देने वाले बिल्डरों पर अब कड़ी नजर रखी जाएगी। रियल एस्टेट नियामक संस्था यूपी रेरा ने नए नियमों के तहत बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है, ताकि ग्राहकों को किसी तरह का नुकसान न हो। पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं कि बिल्डरों ने ग्राहकों से वादा करने के बाद अपने प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया और नक्शा बदल दिया और प्रोजेक्ट की गुणवत्ता में गिरावट ला दी। इसके अलावा एडवांस पैसा लेकर दूसरे प्रोजेक्ट में निवेश करने की भी कई शिकायतें मिलीं।

तीन महीने में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेरा को सौंपनी होगी

इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए रेरा ने नए नियम बनाए हैं। तिमाही रिपोर्ट और जुर्माना अब बिल्डरों को हर तीन महीने में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेरा को सौंपनी होगी। अगर कोई बिल्डर तिमाही रिपोर्ट नहीं सौंपता है तो उस पर 15,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं अगर बिल्डर एक साल में कोई रिपोर्ट नहीं सौंपता है तो उसे 25,000 तक का जुर्माना देना होगा।

फीस में भी बदलाव

इस कदम का मकसद प्रोजेक्ट की प्रगति के बारे में सही जानकारी हासिल करना और ग्राहकों के लिए सुरक्षित निवेश सुनिश्चित करना है। फीस में भी बदलाव इसके अलावा रेरा ने कुछ अन्य फीस में भी बदलाव किया है। अब किसी प्रोजेक्ट के ऑन-साइट निरीक्षण के लिए फीस तय कर दी गई है।
अगर प्रोजेक्ट 100 किलोमीटर तक की दूरी पर है तो निरीक्षण फीस ₹2000 होगी। वहीं, 100 से 200 किलोमीटर के बीच स्थित प्रोजेक्ट के लिए ₹4000 चार्ज किए जाएंगे। 200 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर स्थित प्रोजेक्ट के निरीक्षण के लिए ₹7500 फीस देनी होगी। पहले यह फीस ₹1000 हुआ करती थी। वहीं, अगर किसी बिल्डर या रियल एस्टेट एजेंट को प्रोजेक्ट के दस्तावेज चेक करने हैं तो इसके लिए भी फीस तय कर दी गई है। एक घंटे के निरीक्षण की फीस ₹100 होगी और अगर समय एक घंटे से ज्यादा है तो ₹200 प्रति घंटे चार्ज किए जाएंगे।