India News(इंडिया न्यूज),UP News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मोदीनगर में कार की टक्कर से हुई अनुपम की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। नशे में धुत रईसजादों ने कार से कुचलकर अनुपम की हत्या की थी। टक्कर मारने के बाद आरोपियों ने अनुपम को 100 मीटर तक घसीटा था। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है।
गाजियाबाद के मोदीनगर के गोविंदपुरी कॉलोनी में रविवार रात कार की टक्कर से अनुपम श्रीवास्तव (32) की मौत के मामले में सोमवार को तीन नामजद समेत पांच के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। वही पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है।
100 मीटर तक घसीटते हुए
चश्मदीद ने पुलिस को बताया कि नए साल का जश्न मना रहे नशे में धुत रईसजादों ने अपनी कार से कुचलकर अनुपम की जान ले ली। कार से टक्कर मारने के बाद उसे 100 मीटर तक घसीटते हुए ले गए। बिजली के खंभे से टकराने के बाद ही कार रुकी।
मोदीनगर की कॉलोनी हरमुखपुरी निवासी अनुपम के पिता सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव की तरफ से दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि वजह सिर्फ इतनी सी थी कि अनुपम ने उनसे रास्ते में आ रही कार को हटाने के लिए कहा था। इसी पर रईसजादों ने गाली गलौज करने लगे।
कार में पांच लोग सवार थे
अनुपम ने जब विरोध किया तो कार से कई बार कुचलकर उसकी उसकी हत्या कर दी। अनुपम अपने दोस्त अरुण के साथ चाऊमीन लेने गए थे। अरुण ने बताया कि कार में पांच लोग सवार थे। कार में बैठे चारो युवको ने कार चला रहे युवक से जोर से कहा कि इसे (अनुपम) को कुचल दे। उनके जाने के बाद वह लहूलुहान दोस्त को अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी।
धाराओं में रिपोर्ट दर्ज
अनुपम स्टेट बैंक आफ इंडिया का ग्राहक सेवा केंद्र चलाते थे। एसीपी ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि राहुल चौधरी पुत्र मनोज चौधरी, उसके साथी शिवम माहेश्वरी व सम्राट बिष्ट और दो अज्ञात के खिलाफ हत्या, बलवा, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर की गई। कार चला रहे राहुल को हिरासत में लेकर कार बरामद कर ली है।
अनुपम की जान बच सकती थी
अरुण ने बताया कि अनुपम के घायल होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। बाइक पर पुलिसवाले आ गए। उन्हें देख आरोपी भाग गए। पुलिस भी थोड़ी देर में चली गई। इसके बाद आरोपी युवक फिर से आए। उन्होंने अनुपम पर फिर से कार चढ़ाई। वह बिल्कुल मरणासन्न अवस्था में पहुंच गया। तब आरोपी भागे। अगर पुलिस कुछ देर और वहीं रहती या आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास करती तो अनुपम की जान बच सकती थी।
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