India News (इंडिया न्यूज़),UP Politics:   निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद के नेतृत्व में आरक्षण की मांग को लेकर समाज के लोगों को जागृत करने के लिए ‘संविधानिक अधिकार यात्रा’ विभिन्न जिलों से होते हुए गोरखपुर शहर पहुंची। यहां निषाद समाज के लोगों से आरक्षण की मांग को लेकर जागने की अपील करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने भाजपा के भीतरी खेमे में बैठे और पार्टी की छवि खराब करने वाले नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा में विभीषण न होते तो पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी में उसे 43 सीटें नहीं हारनी पड़ती।

6 जनवरी को गोरखपुर के रामनगर से संविधान अधिकार यात्रा का शुभारंभ करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने निषाद समाज के लोगों से आरक्षण के अधिकार के लिए जागने की अपील की। ​​कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि एकता में शक्ति होती है। कुछ विभीषण हैं जो कह रहे थे कि निषाद कहीं नहीं हैं। वे आंख मूंदकर वोट करेंगे। नतीजा यह हुआ कि निषाद नाराज हो गए। 43 सीटें हार गए। निश्चित रूप से अगर भाजपा में ऐसे विभीषण न होते तो वे 43 सीटें नहीं हारते। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गोरखपुर से साढ़े तीन लाख वोटों से जीत दर्ज की। 2018 में उन्होंने एमपी की सीट जीती।

Kushal Tandon at Shaurya Samman इंडिया न्यूज़ के शौर्य सम्मान में कुशाल टंडन |

200 सीटें निषाद बहुल हैं

डॉ. संजय निषाद ने कहा कि आज एक लाख वोटों का अंतर है। 2 लाख वोट कहां गए? उनका कहना है कि विभीषणों के चक्कर में वे अपनी पूंजी नहीं गंवाने वाले हैं। भाजपा ने अपनी पूंजी गंवा दी, लेकिन डॉ. संजय… ने निषादों को जगा दिया है। वे उन्हें दूसरी पार्टी में नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि 200 सीटें निषाद बहुल हैं। उनके बेटे टोकरी नहीं उठाएंगे। उनका बेटा गंदी टोकरी सिर पर उठाकर चलता था। उन्हें सरकारी नौकरी चाहिए। उन्हें बर्बाद कर दिया गया है। उनका मकसद भाजपा को चेतावनी देना है। हाथी, साइकिल और पंजे वाले गलती कर गए और आज वे सत्ता से दूर हैं। दलालों ने कहा कि डॉ. संजय निषाद के पास वोट नहीं है। यूपी में बीजेपी 80 में से 43 सीटें हार गई।

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उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि बीजेपी को पता चले कि विभीषण कौन है। उनकी बातों की वजह से ही आज निषादों को आरक्षण नहीं मिल पाया है। जो लोग मोदी जी, अमित शाह जी और योगी जी को गलत जानकारी दे रहे हैं। कि अगर आरक्षण दिया गया तो डॉ. संजय निषादों के हीरो बन जाएंगे। निषाद कांशीराम और अंबेडकर बन जाएंगे। उनका कहना है कि उनसे सबकुछ ले लो, मंत्रालय ले लो, लेकिन निषादों को आरक्षण और उनका हक मिलना चाहिए। विभीषण कहते हैं कि डॉ. साहब मलाई खा रहे हैं, तो वह कहते हैं कि वह दवा खाकर पूरे प्रदेश और देश को जगा रहे हैं।

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