India News (इंडिया न्यूज़),UP Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अब नई रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश में अपने मिशन को धार देने में जुटी है। कांग्रेस राज्य में अपने दम पर अपनी ताकत आजमाने की तैयारी में है। राज्य में अपनी ताकत बढ़ाने के साथ ही पार्टी उसकी बैसाखियों पर खड़े होने की तैयारी में है। दिल्ली चुनाव में समाजवादी पार्टी ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था।अब उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस सपा की साइकिल की हवा निकालने का रास्ता तलाश रही है।

कार्यकारिणी को बड़ा बनाने की योजना

जानकारों की मानें तो पार्टी खुद को मुस्लिम हितैषी पार्टी बताकर अकेले चलने की कोशिश कर रही है। हाल ही में कुशीनगर में मदनी मस्जिद कांड के बाद कांग्रेस ने खुलकर अल्पसंख्यक समुदाय का समर्थन किया है। इसके साथ ही सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। ये फैसले एक संदेश दे रहे हैं, राजनीतिक पंडितों की मानें तो कांग्रेस अब इन फैसलों के सहारे उसी तरह अपनी रणनीति को धार देने की तैयारी में है।  वंचित और अल्पसंख्यक वर्ग को खुश करने के साथ ही कांग्रेस अब आगे की रणनीति तैयार कर रही है। इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी में दलित और अल्पसंख्यक वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ाने में भी जुटी है। इस बार कार्यकारिणी को बड़ा बनाने की योजना है, ताकि हर वर्ग को हिस्सेदारी मिल सके।

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के अलावा जिला, शहर और ब्लॉक स्तर की कमेटियां गठित होने जा रही हैं। कांग्रेस की नई रणनीति में बसपा भी निशाने पर रहेगी। इसका संदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के रायबरेली में दिए गए बयान से मिलता है। यहां राहुल गांधी ने संगठन को हर स्तर पर सक्रिय करने का संदेश दिया है।