India News(इंडिया न्यूज),UP Politics:उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने विधानसभा में विधायकों के वेतन को महंगाई सूचकांक से जोड़ने और उनकी निधि में 2 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की मांग की है। मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि 80% विधायक ऐसे हैं, जो अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें अपने क्षेत्र के लोगों का काम कराने के लिए 40-50 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय तक दौड़ लगानी पड़ती है।

‘या तो सैलरी हटा दें या महंगाई से जोड़ दें’

आराधना मिश्रा ने कहा कि विधायकों को मिलने वाला वेतन या तो पूरी तरह खत्म कर दिया जाए या फिर इसे महंगाई सूचकांक से जोड़ा जाए। उन्होंने तर्क दिया कि बार-बार वित्तीय परेशानियों का सामना करने के बजाय सैलरी को महंगाई दर के अनुसार बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, महंगाई को देखते हुए विधायक निधि को 5 करोड़ से बढ़ाकर 7 करोड़ रुपये करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पहले 1 किलोमीटर सड़क 20-30 लाख में बनती थी, अब उसकी लागत 40-50 लाख हो गई है। इसी तरह, उन्होंने हर विधायक को 200 हैंडपंप देने की मांग भी रखी।

‘बजट में कुछ नया नहीं, सिर्फ दिखावे का दस्तावेज’

कांग्रेस विधायक ने योगी सरकार के बजट को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह बजट हाथी के दांत की तरह है—दिखाने के लिए कुछ और, हकीकत में कुछ और।उन्होंने दावा किया कि 2024-25 का वित्तीय वर्ष खत्म होने को है, लेकिन अभी तक सिर्फ 55% बजट ही खर्च हुआ है।

– चिकित्सा विभाग में सिर्फ 54%
– ऊर्जा विभाग में 60%
– लोक निर्माण विभाग में 50%
– कृषि विभाग में 50%
– शिक्षा विभाग में मात्र 60% बजट खर्च हुआ है।

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यूपी देश का दूसरा सबसे कर्जदार राज्य

आराधना मिश्रा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, यूपी देश का दूसरा सबसे ज्यादा कर्जदार राज्य है। इस समय प्रदेश पर 7.7 लाख करोड़ रुपये की देनदारी है, और इस बजट में भी 51,000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने की योजना है। उन्होंने दावा किया कि 2016-17 में यूपी पर प्रति व्यक्ति कर्ज 18,000 रुपये था, जो अब बढ़कर 34,000 रुपये से ज्यादा हो गया है।

‘बजट का बोझ आम जनता पर पड़ेगा’

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि बजट में दिखाए गए बड़े आंकड़ों के लिए पैसा कहां से आएगा? उन्होंने कहा कि सरकार GST संग्रह में 57% वृद्धि, राज्य उत्पाद शुल्क में 30% और विद्युत कर में 16% वृद्धि की बात कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार अगर इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टैक्स बढ़ाती है, तो इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। अब सवाल यह है कि सरकार कांग्रेस की इन मांगों पर क्या रुख अपनाएगी? क्या विधायक निधि और वेतन बढ़ाने पर विचार होगा, या यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगा?