India News (इंडिया न्यूज), UP Tourism: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने नई पहल शुरू की है। जानकारी के मुताबिक, अब निजी धरोहर भवनों को भी पर्यटन गतिविधियों के केंद्र में लाया जाएगा। बता दें, इस संबंध में अगले सप्ताह पर्यटन विभाग इन भवनों के मालिकों के साथ बैठक आयोजित करेगा, जिसमें उन्हें इस योजना के लाभ और संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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जानें पूरा प्लान
ऐसे में, पर्यटन विभाग का उद्देश्य है कि प्रदेश के अधिक से अधिक धरोहर भवनों का उपयोग पर्यटन के लिए किया जाए। बैठक के दौरान चुने गए भवनों को होटल, रिजॉर्ट, वेलनेस केंद्र, संग्रहालय, रेस्टोरेंट, बुटिक रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, डेस्टीनेशन वेडिंग, एडवेंचर टूरिज्म, होम स्टे और थीमैटिक पार्क जैसे आकर्षणों में तब्दील किया जाएगा। इसके साथ ही, पर्यटन विभाग ने 18 से अधिक ऐतिहासिक भवनों को चिह्नित किया है, जिनमें झांसी का बरुआ सागर किला, टहरौली, दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, महल महिपाल, चंपत राय का महल, रघुनाथ राय का महल, मंगलगढ़, मस्तानी महल, मिर्जापुर का चुनार का किला, लखनऊ की छतर मंजिल और कोठी गुलिस्ता-ए-इरम, मथुरा के बरसाना जल महल प्रमुख हैं।
रोजगार और आर्थिक विकास पर भी फोकस
इन भवनों को पर्यटन केंद्रों में बदलने के लिए निजी मालिकों की सहभागिता आवश्यक है। बैठक में इन्हें जागरूक कर इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। इसके अलावा देखा जाए तो, पर्यटन विभाग का मानना है कि इस कदम से न केवल धरोहर भवनों का संरक्षण होगा, बल्कि राज्य में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके साथ ही स्थानीय रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।