India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष BS वर्मा ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है। रिपोर्ट में 2011 की जनगणना के आधार पर पंचायतों में OBC आबादी के अनुपात के हिसाब से आरक्षण तय किया है। उन ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में आरक्षण का प्रतिशत ज्यादा होगा, जहां OBC आबादी ज्यादा है, तो वहीं, जहां OBC आबादी कम है, वहां उनके लिए आरक्षित सीटों की संख्या कम हो जाएगी। आयोग ने राज्य की 7499 ग्राम पंचायतों, 358 जिला पंचायत वार्डों, 89 क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों और 2974 क्षेत्र पंचायत वार्डों के लिए OBC आरक्षण की संस्तुति की है।

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OBC वर्ग को मिलेगा लाभ

आयोग ने अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार के हाथों में सौंप दी है, लेकिन इसे लागू करने का अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है। हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के शेष 12 जिलों की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 27 नवंबर, 2024 को समाप्त हो गया था। क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 29 नवंबर और जिला पंचायतों का कार्यकाल 1 दिसंबर को समाप्त हो गया था। इन पंचायतों के चुनाव 2019 में हुए थे। हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव 2022 में हैं, इसलिए वहां की पंचायतें अभी कार्यरत हैं। पंचायत प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में है।

सरकार जल्द लेगी फैसला

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में पंचायतों में OBC आरक्षण की स्थिति का अध्ययन करने और इसके लिए समुचित व्यवस्था करने के उद्देश्य से एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का गठन किया था। इस आयोग को राज्य में OBC की जनसंख्या, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति और पंचायतों में उनके प्रतिनिधित्व की स्थिति का आकलन कर अपनी सिफारिशें देने की जिम्मेदारी दी गई थी। आयोग की रिपोर्ट मिल गई है तो सरकार इस पर अंतिम फैसला लेगी। अगर इस रिपोर्ट को मंजूरी मिलती है तो जल्द ही पंचायत चुनावों की घोषणा हो सकती है। अगर सरकार रिपोर्ट में कुछ बदलाव करती है तो उसे कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। पंचायत चुनाव में देरी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए सरकार पर जल्द फैसला लेने का दबाव लगातार बना हुआ है।

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OBC वर्ग के लोगों को मिला समर्थन

खबरों की माने तो OBC समुदाय से जुड़े संगठनों ने इस रिपोर्ट को सकारात्मक कदम बताया है। उन लोगों का कहना है कि अगर इस रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण लागू होता है तो पंचायतों में OBC वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और उन्हें विकास योजनाओं में ज्यादा भागीदारी करने का मौका मिलेगा। इससे पंचायतों में OBC का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और सामाजिक संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। अब सबकी निगाहें सरकार के फैसले पर टिकी हैं।

कैबिनेट मंत्री रहे मौजूद

आपको बता दें कि आयोग की यह तीसरी रिपोर्ट है। इससे पहले 14 अगस्त, 2022 को आयोग ने हरिद्वार जिले के लिए अपनी पहली रिपोर्ट सौंपी थी। इस बार की रिपोर्ट में 12 जिलों की ग्राम पंचायतों के लिए आरक्षण तय किया गया है। आयोग की इस रिपोर्ट पर शासन की मंजूरी मिलने के बाद OBC आबादी को ध्यान में रखते हुए आरक्षण दिया जाएगा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, सचिव पंचायती राज चंद्रेश यादव, निदेशक पंचायती राज निधि यादव, अपर सचिव पंचायती राज पन्ना लाल शुक्ला, सदस्य सचिव डीएस राणा और उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।