India News(इंडिया न्यूज) Varanasi News: प्रयागराज महाकुंभ के दौरान वाराणसी की धार्मिक परंपराओं का भी अद्भुत नजारा देखने को मिला। पलट प्रवाह की परंपरा के तहत करोड़ों श्रद्धालु वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पहुंचे। खासकर काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों का विशाल जनसागर उमड़ा, जहां डेढ़ महीने के भीतर 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए।

काशी के मंदिरों में उमड़ी भीड़

महाकुंभ के प्रभाव से न केवल काशी विश्वनाथ मंदिर बल्कि वाराणसी के अन्य प्राचीन धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। श्री काल भैरव मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, बड़ा गणेश मंदिर, मां अन्नपूर्णा मंदिर, श्री संकट मोचन मंदिर, शीतला मंदिर, माँ संकठा मंदिर और बृहस्पति मंदिर में भक्तों की कतारें दिनभर लगी रहीं। वहीं, गंगा घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, जिससे सांकेतिक आरती के बावजूद घाटों पर भक्ति का माहौल बना रहा।

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महाकुंभ के बाद भी भक्तों की आस्था बनी हुई

महाशिवरात्रि के बाद अब वाराणसी में सामान्य स्थिति लौट रही है, लेकिन काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बनी हुई है। रविवार को वीकेंड होने के कारण मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।

काशी की बदली तस्वीर

महाकुंभ के दौरान वाराणसी में जो आध्यात्मिक लहर दिखी, उसने एक नया इतिहास रच दिया। सुबह से देर रात तक मंदिरों और घाटों पर भक्तों की भीड़ लगी रही, जिससे शहर की रौनक कई गुना बढ़ गई। अब भले ही महाकुंभ समाप्त हो चुका है, लेकिन बाबा विश्वनाथ के भक्तों की आस्था कम नहीं हुई है। वाराणसी आज भी श्रद्धालुओं से भरी हुई है, जो इसे ‘मोक्ष नगरी’ की संज्ञा को सही साबित करती है।