India News (इंडिया न्यूज),Maha Kumbh 2025: जगद्गुरु रामभद्राचार्य के आरोपों पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य मुझसे सहमत न हों तो कोई बात नहीं, लेकिन उन्हें संवेदनशील होना चाहिए। अगर वे सत्ता के मोह से मुक्त हैं तो उन्हें सत्ता के मोह से भी मुक्त होना चाहिए। वे सत्ता का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं।
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महाकुंभ में सैनिक शासन जैसी व्यवस्था…
उन्होंने आरोप लगाया कि महाकुंभ में सैन्य शासन जैसी व्यवस्था है। शंकराचार्य को पीछे धकेलकर अखाड़े आगे आ गए हैं। हम स्नान के लिए घुड़सवारी करने के लिए बाध्य नहीं हैं, हम पुण्य कमाते हैं और चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य की प्रतिष्ठा बहुत बड़ी है और यह ब्रांड इतना बड़ा है कि देश भर में उनकी नकल के कई ब्रांड सामने आ गए हैं।
कुंभ से निष्कासित करने के पत्र पर शंकराचार्य ने क्या कहा?
फलहारी बाबा द्वारा कुंभ से निष्कासित करने के पत्र पर शंकराचार्य ने कहा कि मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि अफवाह फैलाने वालों को कुंभ से निष्कासित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मौत के आंकड़े छिपाकर अफवाह फैलाई है, ऐसे में उन्हें पद से निष्कासित किया जाना चाहिए।