India News(इंडिया न्यूज)MahaKumbh 2025: जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने महाकुंभ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में आगे बढ़ाया है। वह सिर्फ एक शासक नहीं हैं, बल्कि जबरदस्त पुरुषार्थ और दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुंभ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

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भारत की नजर योगी आदित्यनाथ पर है

स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत को उनसे बहुत सारी आकांक्षाएं, उम्मीदें और अपेक्षाएं हैं। भारत की नजर उन पर है। उनमें साहस और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष हैं और दृढ़ संकल्प के धनी हैं। महाकुंभ की भव्यता, अद्भुत समागम, बेहतरीन प्रबंधन उनके दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुंभ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यहां उमड़े आस्था के सागर के लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत मेहनत की है। यहां के चप्पे-चप्पे पर उनकी नजर है।

हम ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर अभिभूत हैं

स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य अपनी किरणों से विश्व को चकित कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। विश्व का हर व्यक्ति महाकुंभ की ओर आकर्षित हो रहा है। महाकुंभ में हर क्षेत्र में विशेष प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था दिखाई दे रही है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। उनके संकल्प में सुखद, हरा-भरा, स्वच्छ, पवित्र महाकुंभ साकार हो रहा है।

हम ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर अभिभूत हैं, जिनके सद् संकल्प के कारण महाकुंभ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दिव्यता और अलौकिकता दिखाई देती है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय हैं और संकल्प पवित्र है। महाकुंभ विश्व के लिए मार्गदर्शक बन रहा है, कई देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि सीमित संसाधनों के साथ कम समय में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे बनाई जा सकती है।

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