India News (इंडिया न्यूज), Chitrakoot: चित्रकूट के मानिकपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां नसबंदी के चार दिन बाद एक महिला की मौत हो गई। घटना ने पूरे गांव को सन्न कर दिया है। मृतका के परिजनों ने डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।

ऑपरेशन के चार दिन बाद हुई महिला की मौत

ग्राम पंचायत सकरौहा की रहने वाली फूलकुमारी को गांव की आशा कार्यकर्ता बहला-फुसलाकर परिवार नियोजन के तहत नसबंदी के लिए मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गई थी। वहां सर्जन डॉ. सत्येंद्र सिंह ने महिला का ऑपरेशन किया और कुछ घंटे बाद उसे घर भेज दिया। ऑपरेशन के बाद से ही फूलकुमारी की तबीयत बिगड़ने लगी थी। अगले दिन परिजन उसे दोबारा स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन डॉक्टर ने केवल दो इंजेक्शन लगाकर उसे वापस भेज दिया। महिला की हालत लगातार खराब होती रही और चार दिन बाद उसने दम तोड़ दिया।

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आशा कार्यकर्ता ने नसबंदी के लिए बनाया था दबाव

महिला की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि आशा कार्यकर्ता ने महिला पर नसबंदी कराने का दबाव बनाया था, जबकि उसके पति ने उसे ऐसा करने से मना किया था। परिजनों का कहना है कि महिला पहले से कमजोर थी, फिर भी डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया और स्थिति बिगड़ने पर लापरवाही बरतते हुए उसे बार-बार घर भेज दिया। इस घटना के बाद परिजनों ने मानिकपुर थाने में तहरीर देकर डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मृतका के परिवार में मातम पसरा हुआ है, और गांव में दहशत और आक्रोश का माहौल है।