India News (इंडिया न्यूज), Bageshwar Fire: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में गर्मियों से पहले ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। गुरुवार को बागेश्वर, गरुड़ और कपकोट क्षेत्र के जंगलों में आग लगी रही, जिससे वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। वन विभाग के अनुसार यह आग कंट्रोल बर्निंग का हिस्सा है, जिसे सूखी घास और जंगल की सफाई के लिए किया जा रहा है।

कैसे लगी आग?

गुरुवार दिन में फटगली, बमराड़ी और कमेड़ीदेवी के जंगलों में आग की लपटें देखी गईं। देर रात तक भी इन इलाकों में आग धधकती रही। इसके अलावा गरुड़ के अणा गांव और कपकोट के झोपड़ा जंगलों में भी आग की स्थिति बनी रही। वन विभाग ने कहा कि हर साल गर्मी के मौसम में वनाग्नि की घटनाओं से जंगलों को भारी नुकसान होता है। इसे रोकने के लिए इस बार विभाग ने पहले से पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया है। लेकिन समय से पहले जंगलों में आग लगने की घटनाएं चिंता का कारण बन गई हैं।

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कंट्रोल बर्निंग का उपाए

वन विभाग के DFO ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि वनाग्नि से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कंट्रोल बर्निंग की जा रही है। इसके तहत जंगलों की सूखी घास और झाड़ियों को नियंत्रित तरीके से जलाया जा रहा है, ताकि बड़े पैमाने पर आग न फैल सके। वन कर्मचारियों को सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जंगलों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सके। स्थानीय निवासियों से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी प्रकार की असामान्य गतिविधि की जानकारी तुरंत वन विभाग को दें।

उचित निगरानी और सतर्कता

वन विभाग का कहना है कि उचित निगरानी और सजगता से इस बार वनाग्नि से होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो इस साल जंगलों की सुरक्षा बेहतर तरीके से सुनिश्चित की जा सकेगी।

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