India News Uttarakhand (इंडिया न्यूज़),Bhanvi Singh Land Seized: उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल जिले में उत्तर प्रदेश के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया की पत्नी के नाम पर दर्ज आधा हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि जब्त कर ली है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि जमीन का इस्तेमाल उस उद्देश्य के लिए नहीं हो रहा था जिसके लिए इसे लिया गया था। बताया जा रहा है कि इस जमीन पर लंबे समय से खेती या खेती से जुड़ा कोई काम नहीं हो रहा था।

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क्यों जब्त की गई जमीन

कैंची धाम उपजिला मजिस्ट्रेट विपिन चंद्र पंत ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में पटवारी (राजस्व अधिकारी) रवि पांडे ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार (संशोधन) अधिनियम, 1950 की धारा 167 के तहत जमीन जब्त करने की औपचारिकताएं पूरी कीं। अधिकारी ने बताया कि जेडएएलआर (संशोधन) अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (बी) का उल्लंघन करने पर जमीन जब्त की गई। अधिकारी ने बताया कि जेडएएलआर (संशोधन) अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (बी) के तहत जमीन खरीदने के 2 साल के भीतर उसका इस्तेमाल स्वीकृत उद्देश्य के लिए करना जरूरी है।

भानवी सिंह की कोर्ट में अपील हुआ खारिज

माना जा रहा है कि राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह अब अलग-अलग रह रहे हैं। पंत ने बताया कि विधायक ने 17 साल पहले नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक स्थित सिल्टोना गांव में 27.5 नाली (आधे हेक्टेयर से अधिक) जमीन आनंद बल्लभ नामक स्थानीय निवासी से अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी थी। एक नाली जमीन करीब ढाई हजार वर्ग फीट के बराबर होती है। राजस्व विभाग द्वारा जमीन जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद भानवी सिंह ने कमिश्नर कोर्ट और राजस्व परिषद में कार्रवाई की वैधता को चुनौती दी, लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी जमीन जब्त कर ली।

सीएम धामी ने देहरादून में कही थी ये बड़ी बात

माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में जमीन के लिए लाए जाने वाले सख्त कानून के तहत यह जमीन जब्त की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में देहरादून में कहा था कि राज्य में जल्द ही सख्त भूमि कानून लाए जाएंगे ताकि लोगों को मनमाने तरीके से जमीन खरीदने से रोका जा सके और राज्य में ‘भूमि बैंक’ बनाए जा सकें। उन्होंने बताया था कि अगले विधानसभा सत्र तक भूमि कानून लाए जाने की संभावना है। सीएम धामी ने साफ कहा था कि जिस जमीन का इस्तेमाल खरीददारों द्वारा खरीद के समय बताए गए उद्देश्य के लिए नहीं किया जा रहा है, उसे राज्य सरकार वापस लेगी और ऐसी जमीनों की सूची तैयार की जा रही है।

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