India News (इंडिया न्यूज), Captain Jayakrishna Burakoti: उत्तराखंड के जयहरीखाल प्रखंड के ग्राम चाई निवासी कैप्टन जयकृष्ण बुड़ाकोटी ने 95 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वह एक ऐसे वीर योद्धा थे, जिन्होंने अपने जीवन में पांच प्रमुख युद्धों में भाग लिया और देश की रक्षा के लिए अपार साहस और समर्पण का परिचय दिया। उनके निधन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और क्षेत्रीय जनता ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
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कई युद्ध में हुए थे शामिल
कैप्टन बुड़ाकोटी ने 1948 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान श्रीनगर- जम्मू कश्मीर क्षेत्र में अपनी वीरता का परिचय दिया। इसके बाद उन्होंने 1961 में गोवा मुक्ति संग्राम, 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 में भारत-पाक युद्ध और 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (भारत-पाक युद्ध) में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी साहसिकता और उत्कृष्ट नेतृत्व ने भारतीय सेना की शान बढ़ाई और देश की सीमाओं की रक्षा में अहम योगदान दिया।
हमेशा अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि माना
उनका सैन्य करियर बहुत ही सम्मानजनक रहा, और उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि माना। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि उन्होंने हर संकट में अपने देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए निस्वार्थ सेवा की। कैप्टन बुड़ाकोटी के परिवार में दो पुत्र, तीन पुत्रियाँ और 11 नाती-पोते हैं। उनके निधन से पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। उनके अपूर्व योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनका नाम भारतीय सेना के महान योद्धाओं में अमर रहेगा।
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