India News (इंडिया न्यूज), Chardham Teerth: उत्तराखंड के देहरादून में चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने राज्य सरकार के उस फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें धर्मस्व विभाग को पर्यटन विभाग में मर्ज किया गया है। महापंचायत ने इस फैसले को धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया और मांग की कि धार्मिक मामलों को पर्यटन विभाग से अलग रखा जाए।
कई मुद्दों पर चर्चाएं
शुक्रवार को देहरादून के एक होटल में महापंचायत की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने की। इसमें चारधाम यात्रा और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। महापंचायत ने साफ किया कि आगामी चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का भी वे विरोध करेंगे।
कई बातों पर नाराजगी
महापंचायत ने केदारनाथ हेली सेवा में हो रही अनियमितताओं पर नाराजगी जाहिर की और सरकार से मांग की कि हेली सेवा प्रदाता कंपनियों के समीप ही विजिलेंस कार्यालय स्थापित किया जाए। इससे सेवा में पारदर्शिता और सुधार संभव होगा। इसके साथ ही यमुनोत्री धाम में सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की मांग भी उठाई गई। महापंचायत के सदस्यों ने बताया कि इस दीवार का निर्माण जरूरी है ताकि प्राकृतिक आपदाओं से तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
कई संगठन के सचिव और सदस्य थे मौजूद
बैठक में महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, महासचिव डॉ. बृजेश सती, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष सुनील प्रसाद उनियाल और बदरीनाथ के युवा पुरोहित संगठन के सचिव गौरव पंचभैया सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। महापंचायत ने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थल केवल आस्था के केंद्र हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह धार्मिक मामलों को पर्यटन विभाग से अलग कर इस फैसले को वापस ले।