India News (इंडिया न्यूज), CM Dhami: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साहित्य और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 45 लेखकों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही उत्तराखंड साहित्य संग्रहालय की स्थापना और 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई। यह निर्णय प्रदेश में साहित्य के संवर्धन और लेखकों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह में सीएम धामी की घोषणाएं
मुख्यमंत्री धामी ने यह घोषणा ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान-2024’ समारोह के दौरान की, जिसका आयोजन उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न साहित्यकारों और भाषाओं के विद्वानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की धरती सृजनात्मकता, ज्ञान और संस्कृति का केंद्र रही है और यहां के साहित्यकारों ने समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक विरासत
सीएम धामी ने उत्तराखंड के प्रख्यात साहित्यकारों को याद करते हुए कहा कि सुमित्रानंदन पंत ने अपने शब्दों के माध्यम से पूरे देश और दुनिया को जोड़ा, जबकि शैलेश मटियानी को ‘पहाड़ों का प्रेमचंद’ कहा गया। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है और लेखकों की रचनाएं समाज को नई दिशा देने का कार्य करती हैं।
साहित्य और स्वतंत्रता आंदोलन
मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम के बीच गहरे संबंध का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में कवियों और रचनाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा और अपने शब्दों से जनमानस को प्रेरित किया। इसी तरह, उत्तराखंड के सृजनशील साहित्यकारों ने भी राज्य की स्थापना में अहम योगदान दिया है।
सरकार का साहित्य और लेखकों के प्रति संकल्प
सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार साहित्यकारों और रचनात्मक व्यक्तियों को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। 45 लेखकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना इसी संकल्प का प्रतीक है। इसके अलावा, 21 नए सहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा प्रदेश के साहित्य को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास है। उत्तराखंड सरकार की यह पहल प्रदेश के साहित्यकारों को न केवल प्रोत्साहन देगी, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।