India News (इंडिया न्यूज), Forest Department: उत्तराखंड, जो 70 प्रतिशत वन क्षेत्र से आच्छादित है, में विकास परियोजनाओं को गति देने में वन विभाग की अहम भूमिका रही है। अब तक, वन विभाग ने 40 हजार हेक्टेयर वन भूमि विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए हस्तांतरित की है। इस प्रक्रिया में वरिष्ठ भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों का अनुभव और नेतृत्व प्रदेश के विकास में सहायक साबित हुआ है।

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कई जरुरी परियोजनाओं को मिलेगी सफलता

वन विभाग ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में इको टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए 69 नई साइटों की पहचान की गई है, जिनमें से 32 साइट्स पर काम जारी है। इसके साथ ही, राज्य की प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं जैसे चारधाम परियोजना और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की फास्ट-ट्रैकिंग में भी वन विभाग के अधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।

वन विभाग ने जंगल की आग प्रबंधन में भी नवाचार किए हैं, जिसमें चीड़-पिरूल ब्रिकेट इकाई की स्थापना शामिल है। 2024 में 40 हजार क्विंटल चीड़ पिरूल का संग्रहण किया गया और 2025 में एक लाख क्विंटल का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, वन मुख्यालय में अत्याधुनिक एकीकृत नियंत्रण एवं कमांड सेंटर स्थापित किया गया है, जो जंगल की आग की निगरानी और नियंत्रण में सहायक है।

विभाग के अधिकारियों से अपील

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग के अधिकारियों से अपील की कि वे नागरिकों के साथ मित्रवत संबंध बनाए रखें और अपनी उपलब्धियों को आम जनता के बीच लाने का प्रयास करें। वन्यजीव संरक्षण में भी उत्तराखंड ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिसमें बाघों की संख्या में वृद्धि और बाघ ट्रांसलोकेशन परियोजना शामिल है।

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