India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद इस पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। हाल ही में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने UCC की तुलना गंगा और महाकुंभ से करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधा है। हरीश रावत ने UCC को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और आत्ममुग्धता की पराकाष्ठा बताया’। हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि समान नागरिक संहिता की तुलना गंगा जी और महाकुंभ से करना दुर्भाग्यपूर्ण और संकीर्णता की पराकाष्ठा है।
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उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि गंगा सभी के कल्याण के लिए है। यह गरीब-अमीर, जाति-धर्म, क्षेत्र की सभी संकीर्णताओं से ऊपर उठकर सभी को आशीर्वाद देती है। गंगा के एक छोर पर एक व्यक्ति हाथ में पानी लेकर चुस्की ले रहा है, जबकि थोड़ी दूरी पर दूसरा व्यक्ति उसी पानी से वुजू कर रहा है। गंगा ने सभी को अपने धन से आशीर्वाद दिया है और सभी को धन-धान्य से परिपूर्ण किया है।
चुनावी लाभ के लिए बनाया गया मुद्दा
पूर्व सीएम ने अपने बयान में आगे कहा कि गंगा समग्रता और समरसता का प्रतीक है, जबकि UCC ने उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति को कलंकित किया है, संयुक्त परिवार प्रणाली और धार्मिक मान्यताओं को कलंकित किया है। इससे गहरी ठेस पहुंची है। भाजपा सरकार ने चुनावी लाभ के लिए इसे मुद्दा बनाया है और इसका असली मकसद समाज को बांटना है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे ‘गंगा बताया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह गंगा उत्तराखंड से निकलती है और पूरे देश को पवित्र करती है, उसी तरह UCC की गंगा भी उत्तराखंड से निकलती है और यह पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगी।
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यह आम जनता के लिए नहीं
हरीश रावत ने सीएम धामी के बयान पर टिप्पणी करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि UCC का गंगा से कोई संबंध नहीं है। UCC यूसीसी ने उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को ठेस पहुंचाई है। यह भाजपा नेतृत्व और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए फायदेमंद जरूर साबित हो सकती है, लेकिन आम जनता के लिए नहीं। उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा इसकी लगातार आलोचना की जा रही है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने व्यापक चर्चा और आम सहमति के बिना इसे लागू किया है। उत्तराखंड की संस्कृति अनेकता में एकता की मिसाल रही है और इस राज्य ने हमेशा धार्मिक सहिष्णुता को अपनाया है।
BJP ने हरीश रावत की आलोचना किया खारिज
उन्होंने आगे कहा कि “हमारे पुराण और शास्त्र भी समाज की विविधता का सम्मान करने की बात करते हैं। UCC को जबरन लागू करके भाजपा सरकार ने राज्य के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है, तो वहीं, भाजपा नेताओं ने हरीश रावत की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता देश के संविधान के अनुरूप है और इससे समाज में समानता आएगी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से वोट बैंक की राजनीति करती रही है। जब भी कोई सुधारात्मक कदम उठाया जाता है तो कांग्रेस उसका इस्तेमाल समाज में भ्रम फैलाने के लिए करती है। UCC से महिलाओं को समान अधिकार मिलेंगे और यह देश के हित में है।