India News (इंडिया न्यूज), Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन पवित्र स्नान, दान और भगवान की आराधना के लिए विशेष होता है। इस बार मौनी अमावस्या पर 50 वर्षों बाद एक दुर्लभ त्रिवेणी योग बन रहा है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है।

त्रिवेणी योग और अन्य शुभ संयोग

मौनी अमावस्या पर इस बार त्रिवेणी योग के साथ बुध आदित्य योग, मालव्य योग, शशराज योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब सूर्य, चंद्रमा और बुध एक साथ मकर राशि में स्थित होते हैं, तब त्रिवेणी योग बनता है। यह योग बहुत दुर्लभ होता है और इसे गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने के समान पुण्य फलदायी माना जाता है।

चीन के जिस DeepSeek ने पूरी दुनिया में मचा दिया कोहराम, अरुणाचल प्रदेश के सवाल पर सिट्टी-पिट्टी हो गई गुम, जबाव में कहा- चलिए कुछ और बात करते हैं…

हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब

मौनी अमावस्या के अवसर पर हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और अन्य पवित्र तीर्थों में लाखों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे। हरिद्वार के हर की पैड़ी घाट पर सुबह चार बजे से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। लोग ‘हर-हर गंगे’ के जयकारे लगाते हुए पवित्र स्नान कर रहे हैं। इस दिन मौन रहकर स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु और सूर्य देव की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही, मौन रहकर जप और ध्यान करने से व्यक्ति की आत्मशुद्धि होती है। ऋषि मनु का जन्म भी इसी दिन हुआ था, इसलिए इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

यातायात और सुरक्षा के विशेष इंतजाम

हरिद्वार में प्रशासन द्वारा यातायात के कड़े प्रबंध किए गए हैं। शहर के कई हिस्सों को जीरो जोन घोषित किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मौनी अमावस्या केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का भी अवसर है। इस दिन किया गया पुण्य कार्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाता है।

बीटिंग रिट्रीट समारोह के चलते दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी हुई जारी! आज कई मार्गों पर यातायात प्रतिबंधित