India News (इंडिया न्यूज), Municipal Elections: उत्तराखंड में 23 जनवरी को होने वाले 100 नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी पूरी हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची जारी कर दी है। इस सूची में पिथौरागढ़ ऐसा इकलौता जिला है, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। राज्य के अन्य सभी जिलों में पुरुष मतदाताओं की संख्या महिला मतदाताओं से अधिक है।

पिथौरागढ़ की खासियत

पिथौरागढ़ जिले में कुल 61,420 मतदाता हैं, जिनमें 30,952 महिलाएं और 30,468 पुरुष शामिल हैं। महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक होने का कारण इस जिले की सामाजिक संरचना और पलायन की स्थिति मानी जा रही है। सीमांत इलाका होने के कारण यहां पुरुष रोजगार की तलाश में बाहर चले जाते हैं, जबकि महिलाएं घर और गांव में रहकर मतदान प्रक्रिया में सक्रिय रहती हैं।

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राज्य में कुल मतदात

राज्य में कुल मतदाता संख्या 30.29 लाख है। इनमें 15.62 लाख पुरुष, 14.66 लाख महिलाएं और 528 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे बड़े जिलों में पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक है। हरिद्वार में 3,07,053 पुरुष और 2,79,924 महिलाएं हैं, जबकि ऊधमसिंह नगर में 2,93,107 पुरुष और 2,74,370 महिलाएं हैं।

महिला मतदाताओं की भागीदारी का महत्व

महिलाओं की संख्या में वृद्धि यह दर्शाती है कि उत्तराखंड की महिलाएं मतदान के महत्व को समझ रही हैं। यह सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होती है।

आंकड़े-

पौड़ी गढ़वाल*: 86,342 महिलाएं, 87,181 पुरुष
नैनीताल*: 1,68,084 महिलाएं, 1,75,704 पुरुष
चमोली*: 26,112 महिलाएं, 28,062 पुरुष

 

चुनाव में महिलाओं की भूमिका

पिथौरागढ़ जैसे जिलों में महिलाओं की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि महिलाएं लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आ रही हैं। इस बार का चुनाव यह दिखाएगा कि राज्य की महिलाएं किस तरह से राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। उत्तराखंड में निकाय चुनावों के लिए महिलाओं की सक्रियता एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। पिथौरागढ़ का उदाहरण यह बताता है कि यदि महिलाएं जागरूक हों, तो वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

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